29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

BIG BREAKING: पूर्व सीएम ने दिया ऐसा बयान कि कांग्रेस हो गई खुशी तो भाजपा में मच गया हड़कंप!

उपचुनावों में मिली शिकस्त के बाद आए इस बयान ने गर्मा दी राजनीति...

2 min read
Google source verification
statement

भोपाल@आलोक पंड्या की रिपोर्ट...

मध्यप्रदेश के मुंगावली और कोलारस में हुए उपचुनाव में भाजपा को पटखनी देते हुए कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली है। जबकि इस चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए कई भाजपा के विधायकों, मंत्रियों सहित सीएम ने पूरा जोर लगा लिया था।

इसके बावजूद मिली शिकस्त से जहां एक ओर भाजपा में खलबली मची हुई है। वहीं भाजपा के ही वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम बाबूलाल ने एक ऐसा बयान दे दिया है। जिससे भाजपा में हड़कंप की स्थिति बन गई है। भले ही गौर ने इस बयान में चुनाव में जातिवाद बढ़ने का मुद्दा मुख्य रूप से उठाने की कोशिश की लेकिन उनका ये बयान अब चर्चाओं में बन गया है। उपचुनावों में भाजपा की हार के ठीक बाद आए इस बयान ने एक बार फिर प्रदेश में राजनीति गर्मा दी है।

दरअसल गौर ने अपने बयान में कहा है कि उपचुनाव महाभारत था, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को चक्रव्यूह में घेरने की कोशिश हुई थी। इसके आगे उन्होंने का कि लेकिन सिंधिया इस चक्रव्यूह से अभिमन्यू नहीं बल्कि अर्जुन बनकर निकले। जिन्होंने चक्रव्यूह को ही पूरी तरह से भेद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव जातिवाद को देगा बढ़ावा।

इधर,पूर्व मंत्री और विधायक सरताज सिंह ने लिया सन्यास...
बाबूलाल गौर के आए इस बयान के कुछ ही देर बाद पूर्व मंत्री और विधायक सरताज सिंह ने भी एक ऐलान किया। इसमें उन्होंने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की बात कही है।
उन्होंने कहा है कि इस समय पार्टी में घुटन महसूस हो रही है, बीजेपी में माहौल ठीक नहीं है, कई सालों से लग रहा है अब हटाने में और मुझे मिटाने में लगे है।
मन दुखी है थक गए हैं,मेरे को इतनी गंदी लगती है राजनीति। मैं गलती कर बैठा, परिवार से गलती नहीं कराऊंगा। अब अगला चुनाव नही लड़ूंगा।

ऐसे समझें जीत क्यों थी जरूरी...
MP विधानसभा चुनाव के पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले कोलारस और मुंगावली विधानसभा सीटों पर पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा कांग्रेस के सामने हार गई।

इन दोनों क्षेत्रों को कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ माना जाता है। हां ये बात जरूर है कि भाजपा को कांग्रेस के गढ़ में वोटों की जबरदस्त बढ़त मिली है।

इस पूरे चुनाव में खास बात ये रही कि अप्रैल 2017 से अब तक हुए उपचुनावों में लगातार कांग्रेस की यह चौथी जीत है। वहीं इससे पहले कांग्रेस ने अटेर और चित्रकूट सीटों पर भी जीत दर्ज की थी।

ज्ञात हो कि इन दोनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और 19 मंत्रियों समेत 40 से ज्यादा विधायकों ने दौरे, सभाएं कीं थीं।

वहीं इस संबंध में राजनीतिक जानकारों की मानें तो इन नतीजों ने ये साफ़ संकेत दिए हैं कि मध्यप्रदेश में अब जनता के मिजाज में कुछ बदलाव आ रहा है, साथ ही भाजपा यह भ्रम भी टूटता दिखाई दिया कि सत्ताधारी दल को उपचुनाव में आसानी से जीत मिल जाती है।

इन दोनों सीटों को जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस पर ख़ासा दबाव था। दोनों ही पार्टियों ने जोड़-तोड़ की पूरी कोशिश की। वहीं इन परीणामों के सामने आने के बाद जानकार मान रहे हैं कि अब ये नतीजे कांग्रेस को नई ऊर्जा देने के साथ ही भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल की संभावनाओं को न केवल मजबूत करेंगे, बल्कि यह भी तय करेंगे कि भाजपा विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति में क्या बदलाव करेगी। कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा की ये शिकस्त परोक्ष रूप से एंटी इनकंबेंसी की ओर संकेत हैं।