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कर्नाटक और मध्यप्रदेश में से कौन-सा राज्य बनेगा टाइगर स्टेट, यह है अपडेट

चौथे चरण की गिनती पूरी, 150 टाइगर बढ़ने की उम्मीद, मार्च में चलेगा पता प्रदेश में कितने बाघ

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भोपाल

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Manish Geete

Oct 27, 2022

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भोपाल। प्रदेश में बाघ गणना का चौथा चरण पूरा हो गया है। वन विभाग ने टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और अभयारण्य से एकत्रित डाटा एसएफआरआइ के माध्यम से भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून को भेज दिया है। अब संस्थान के विज्ञानी डाटा, बाघों के फोटो और सैटेलाइट इमेज का मिलान कर रहे हैं। इस कार्य में तीन महीने से ज्यादा समय लग सकता है। इसके बाद भारत सरकार बाघ आकलन 2022 के परिणामों की घोषणा करेगी। परिणाम मार्च तक आ सकते हैं।

प्रदेश में नवंबर 2021 से गिनती शुरू हुई है थी। तीसरा चरण अप्रेल 2022 में पूरा हुआ। इसके बाद संरक्षित क्षेत्रों में चौथे चरण की गिनती शुरू हुई। पार्कों में ट्रैप कैमरे लगाकर बाघों की आवाजाही कैद की गई। अलग-अलग पार्कों में सितंबर तक गणना चली।

कुनबा बढ़ने के संकेत, टाइगर स्टेट का दर्जा रहेगा बरकरार

इस साल हुई गणना से प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ने के आसार हैं। उम्मीद की जा रही है कि 150 बाघ बढ़ेंगे। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश में 700 से ज्यादा बाघ हो जाएंगे। वर्ष 2018 की गणना में प्रदेश में 526 बाघ थे। यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर कर्नाटक राज्य आया था। वहां 524 बाघ पाए गए थे। यदि मप्र में बाघ बढ़ते हैं तो टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार रह सकता है।

ऐसे की जाती है गणना

विशेषज्ञों के अनुसार बाघों की गणना जंगल में एक तय स्थान पर ट्रांजिट लाइन खींचकर की जाती है। सुबह से शाम तक इस लाइन से गुजरने वाले जानवरों की गिनती के आधार पर रिपोर्ट तैयार होती है। सैटेलाइट इमेज, ट्रैप कैमरे से ली गई फोटो और जंगल से लिए गए डाटा का मिलान किया जाता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान अलग-अलग फोटो में बाघ के शरीर की धारियों का मिलान कर तय करते हैं कि एक ही बाघ है या अलग-अलग।

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