
हफ्तों पहले दिखाई देने लगते हैं कैंसर के ये लक्षण, नज़रअंदाज करना पड़ सकता है भारी
भोपाल/ कैंसर इतनी गंभीर बीमारी है, जिसकी चर्चा करने में भी लोगों को पसंद नहीं होता। राजधानी भोपाल स्थित जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, शहर में इसके मरीजों में दिन ब दिन वृद्धि होती जा रही है। जिसका बड़ा कारण वातावरण में मिश्रित प्रदूषण और खान-पान में आए बदलाव को माना जा रहा है।
लक्षण समझकर करें उपचार
वहीं धुम्रपान और तंबाकू का सेवन भी कैंसर होने का बड़ा कारण है। हालांकि, समय रहते अगर शुरुआती लक्षणों के आधार पर इसे समझकर उपचार कर लिया जाए, तो इसे जड़ से खत्म भी किया जा सकता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि कैंसर से ग्रस्त ज्यादातर पीड़ित इसके शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास ही नहीं होता या यूं वो विश्वास नहीं करना चाहते कि वो कैंसर जैसी बीमारी के शिकार भी हो सकते हैं। इसके शुरुआती लक्षण भ्रमक हो सकते हैं, क्योंकि सामान्य दिखते हैं, लेकिन इनपर ध्यान देना ज़रूरी है, वरना ये जान पर भारी भी पड़ सकते हैं। आइये जानते हैं उन खास संकेतों के बारे में...।
-मूत्र या मल के स्थान से ख़ून आना
अगर पेशाब या मल के साथ ख़ून निकले तो तुंरत अस्पताल जाकर चेकअप कराएं, क्योंकि यह किडनी या पेशाब की थैली में कैंसर का संकेत हैं। इसके अलावा पाचन या शौच संबंधी आदतों में स्थायी बदलाव आना, जैसे- लंबे समय तक कब्ज़, डायरिया या अधिक मल का होना कोलोन कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच करा लें।
-वज़न घटने लगे
अचानक वज़न कम होने लगे जो किसी एक स्थान पर नहीं रुके तो आपको इसे लेकर चिंता करने की ज़रूरत है। वैसे इसके कई अन्य कारण भी होते हैं, लेकिन पैनक्रियाटिक, लंग या स्टमक कैंसर की संभावना को भी पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।
-मुंह के छाले आना
सामान्य तौर पर मूंह में होने वाला कोई भी छाला दो हफ़्तों के भीतर ठीक हो जाता है। लेकिन इतने दिनों में छाला ठीक होने के बजाय और भी बढ़ने लगे तो इसे लेकर सीरियस होना ज़रूरी है। इसके अलावा आवाज़ में बदलाव, निगलने में तकलीफ़, मुंह के अंदर स़फेद या लाल रंग के चट्टे पड़ना भी मुंह के कैंसर के शुरुआती संकेत होते हैं।
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-बार बार आए बुखार
लंबे समय तक ठीक न होने वाला बुखार ब्लड कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। वैसे कैंसर के पीड़ित तक़रीबन सभी मरीजों को बुखार होता है, क्योंकि इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने के कारण शरीर को होने वाला कोई भी छोटा से छोटा इंफेक्शन काफी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में शरीर में किसी भी तरह के इंफेक्शन होने का संकेत बुखार देता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से मिलकर तुरंत इसकी गहन जांच कराएं।
-लंबे समय तक बनी रहे खांसी
एक महीने से ज़्यादा समय तक लगातार खांसी, खांसी के साथ ख़ून निकलना, सांस लेने में तकलीफ। ये कैंसर के शुरुआती संकेत हैं। अगर यह तकलीफ बार-बार हो रही है तो डॉक्टर से जांच कराना बेहद ज़रूरी है।
-बिना मेहनत किये होने लगे थकान
आमतोर पर होने वाली थकान एक सामान्य क्रिया है। दिनभर की भागदौड़ और तनाव के कारण हो जाता है। लेकिन अगर आप बिना मेहनत किए व ठीक ढंग से खानेपीने के बावजूद भी लगातार बहुत दिनों तक बहुत अधिक थकावट मेहसूस करते हैं, तो इसके लिए चिंतित होना ज़रूरी है। क्योंकि, ये ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा कोलोन या पेट के कैंसर होने पर भी रक्त की कमी होती है, जिसके कारण थकान रहती है।
-रक्तस्राव
मासिकधर्म के अलावा अचानक ब्लीडिंग कार्विनल कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके अलावा रेक्टम यानी मलद्वार से रक्तस्राव (जोकि काले मल की तरह दिखता है) कोलोन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसी किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से बात करें व संदेह होने पर गहन जांच कराएं। स़िर्फ इतना ही नहीं, मासिक धर्म के दौरान भी सामान्य से बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग या दर्द होना भी खतरे के संकेत हैं।
-अंडकोश में परिवर्तन
पुरुषों के अंडकोश यानी टेस्टिकल्स में गांठ, सूजन, दर्द या किसी तरह के अन्य बदलाव या परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, क्योंकि टेस्टिकुलर कैंसर बहुत तेज़ी से फैलता है। डॉक्टरों के अनुसार 15 से 55 वर्ष तक की आयुवाले पुरुषों को एक-दो महीनों में इसकी जांच करा लेनी चाहिए।
-यूरिन की समस्या
उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट ग्लैंड भी बढ़ते हैं। इसके कारण पेशाब करने के परेशानी, बार-बार पेशाब लगना जैसी समस्याएं बढञ जाती हैं। लेकिन ये प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं। इसलिए इन संतों के सामने आने पर डॉक्टर से परामर्श कर लें, ताकि, कोई संकोच ना रहे।
-मस्सा या तिल में परिवर्तन
तिल, मस्सा इत्यादि के रंग, आकार या शेप में अचानक बदलाव आना स्किन कैंसर का संकेत हो सकता है। इसी तरह त्वचा का काला या पीला पड़ना, खुजली या बहुत तेज़ी से बाल बढ़ना, त्वचा का लाल पड़ना भी कैंसर के लक्षण होते हैं। त्वचा में किसी तरह का बदलाव आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि सही समय इलाज करने पर स्किन कैंसर से बचा जा सकता है।
-चेहरे पर सूजन
लंग कैंसर से पीड़ित कुछ मरीज़ चेहरे पर सूजन और लाली रहने की शिकायत रहती है। ऐसा इसलिए होता है कि लंग ट्यूमर के छोटे सेल्स छाती के रक्त धमनियों को ब्लॉक कर देते हैं, जिसके कारण चेहरे और सिर तक रक्त के प्रवाह में बाधा आ जाती है।
Published on:
05 Mar 2020 06:53 pm
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