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अद्भुत खगोलीय घटना: सूरज के चेहरे पर दिखेगा तिल, 13 साल बाद दिखेगा ऐसा नजारा

locationभोपालPublished: Nov 05, 2019 05:43:21 pm

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

ब्रह्माण्ड में घटने वाली है अद्भुत खगोलीय घटना, सूरज के चेहरे पर दिखेगा तिल, भारत से फिर अगले 13 साल बाद देखा जाएगा ऐसा नजारा

Amazing astronomical event universe

अद्भुत खगोलीय घटना: सूरज के चेहरे पर दिखेगा तिल, 13 साल बाद दिखेगा ऐसा नजारा

भोपाल/ तिल किसी की भी खूबसूरती पर चार चांद लगा देता है। मगर, दुनिया को जीवन देने वाले सूर्य पर किसी की नजर न लगे, इस वजह से हर सौ साल में 13 बार बुध ग्रह सूर्य के सामने से निकलते हुए उसके चेहरे का तिल बन जाता है। इस बार भी ये दुर्लभ घटना इस साल 11 नवंबर को घटने जा रही है, जिसे लेकर दुनियाभर के खलगोलविदों में एक खास उत्साह नज़र आ रहा है। हालांकि, इस बार घटित होने वाली ये खगोलीय घटना भारत में कहीं से भी नहीं देखी जा सकेगी। ये अद्भुत नजारा भारत के हर कोने से 13 साल बाद दिखाई देगा।

 

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क्या कहते हैं एस्ट्रोनॉमर?

भोपाल के रहने वाले देश के जाने माने खगोल विज्ञानी मुकेश सातनकर ने कर्नाटक स्थित र्श्रीहरिकोटा विज्ञान केंद्र से पत्रिका से हुई खास बातचीत में बताया कि, अगली बार यह घटना साल 2032 में होगी। उस समय पृथ्वी बुध और सूरज का डायरेक्शन इस तरह होगा कि, मर्करी ट्रांसिट की ये अद्भुत खगोलीय घटना मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के हर स्थान से देखी जा सकेगी। बुध का गोचर इसलिए होता है क्योंकि यह हमारे सौर मंडल के दो ग्रहों में से एकलौता है, जो धरती की तुलना में सूर्य के ज्यादा करीब चक्कर लगाता है। ऐसा करने वाला दूसरा ग्रह शुक्र है, जिसे भारतीय ज्योतिष में भोग-विलास, पत्नी, भौतिक सुखों का कारक मानता है। बुध की कई कक्षाओं में धरती से देखने पर बुध या तो सूर्य के ऊपर से या नीचे से गुजरते हुए दिखता है। लेकिन इस बार होने वाला ट्रांसिटमध्य सूरज से होते हुए नीचे की ओर आता दिखाई देगा।

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इसलिए लगेगा सूरज पर तिल

मुकेश सातनकर के मुताबिक, कभी-कभी धरती और बुध की कक्षाएं इस तरह से सामने आ जाती हैं कि, बुध धरती और सूर्य के बीच से होता हुआ गुजरता है। इसका व्यास सूर्य के व्यास की तुलना में 0.5 फीसदी होता है। इसलिए धरती से देखने पर बुध ग्रह तिल की तरह एक छोटे बिंदु के समान दिखता है। इसके अलावा नासा द्वारा जारी निर्देशों में लोगों से कहा कि धरती पर हमारे नजरिये से हम सिर्फ बुध और शुक्र को सूर्य के सामने से गुजरते हुए देख सकते हैं लिहाजा यह दुर्लभ घटना है, जिसे कोई भी देखने से चूकना नहीं चाहेगा। सही सुरक्षा उपकरणों के साथ धरती के किसी भी हिस्से पर मौजूद लोग सूर्य के आगे से एक छोटी सी बिंदु को धीरे-धीरे गुजरते हुए देख सकेंगे।

 

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इन बातों का रखें खास ध्यान : नासा

घटना सोमवार सुबह 11.35 मिनट जीएमटी से शुरू होगी, जो करीब 5.5 घंटे का सफर तय करके 6.04 मिनट जीएमटी तक चलेगी। लिहाजा, इसे देखने के लिए लोगों के पास पर्याप्त समय होगा। हालांकि, धरती के कुछ हिस्सों जैसे अमेरिका के पश्चिमी तटों पर मौजूद लोग इसे तब तक नहीं देख सकेंगे, जब तक कि सूर्य आकाश में दिखने नहीं लगेगा। शुक्र के गोचर से उलट बुध को ऐसी स्थिति में देखने के लिए आपको सन फिल्टर वाले टेलिस्कोप की जरूरत होगी क्योंकि यह बहुत छोटा ग्रह है। बताते चलें कि शुक्र सहित अन्य ग्रह पर्याप्त बड़े हैं कि उन्हें नग्न आंखों से देखा जा सके। नासा की ओर से ये अपील भी की गई कि, इस दौरान सूर्य को नग्न आंखों से देखें, बल्कि इसे टेलिस्कोप में बिना सुरक्षा व्यवस्था किए देखने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। संभव है कि, इसकी रोशनी आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसलिए सूरज को देखते समय सोलर फिल्टर का इस्तेमाल जरूर करें।

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