MP News: विधानसभा का मानसून सत्र इस बार कुछ अलग होगा। सत्र के समय विधायकों की पाठशाला भी लगाने की तैयारी है। विधायक सदन की बैठकों में शामिल होंगे, जब वे फ्री होंगे तो इस पाठशाला में शामिल होंगे। इसके लिए सचिवालय ने परिसर स्थित विधान परिषद भवन को ट्रेनिंग सेंटर में तब्दील किया है। यह सब मशक्कत ऑनलाइन वर्किंग के लिए ट्रेड करने की है। प्रयास है कि सदन का पूरा काम-काज ऑनलाइन हो। पेपरलैस वर्किंग हो।
असल में यहां ई-विधान लागू किया जाना है। इससे सदन का पूरा काम-काज ऑनलाइन हो जाएगा। विधायकों के हाथ में पेपर, पुस्तक के स्थान पर आईपैड होगा। इसी पर पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा। सिंगल क्लिक पर जानकारी मिल जाएगी। विधायकों को इसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हमारी विधानसभा अधिक पढ़ी-लिखी है। ग्रेजुएट सर्वाधिक हैं। ग्रेजुएट प्रोफेशनल की बात करें तो ऐसे विधायकों की संख्या 35, पोस्ट ग्रेजुएट 70 हैं। शिक्षित मात्र दो हैं। सदन के आधे से ज्यादा विधायक हाईटेक हैं। वे कप्यूटर, मोबाइल फ्रेंडली हैं। इससे ऑनलाइन वर्किंग में इन्हें दिक्कत नहीं है। अन्य के लिए विशेष प्रकार के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। जरूरत पड़ने पर विधायकों के सहायकों को भी ट्रेंड किया जाएगा।
ऑनलाइन वर्किंग अगले सत्र से शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए सदन में व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। विधायकों को प्रशिक्षण देने सेंटर भी तैयार किया गया है।- अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मप्र विधानसभा
विधानसभा सचिवालय और राज्य मंत्रालय के बीच ऑनलाइन वर्किंग हैं। विधायक लिखित सवाल ऑनलाइन पूछते हैं। विधानसभा सचिवालय भी ऑनलाइन सवाल सरकार को भेजती है। सरकार से जवाब ऑनलाइन स्वीकारे जाते हैं। विधानसभा सचिवालय लेटेस्ट कप्यूटर खरीद रही है। ये ऑल इन वन कप्यूटर होंगे।
इनमें सीपीयू, मॉनीटर, बैठरी बैकअप सभी एक साथ होते हैं। यहां तक कि स्पीकर भी इसी में रहता है। यानी इनके लिए अलग से पार्ट्स खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह के 35 ऑल इन वन कप्यूटर खरीदने के लिए विधानसभा सचिवालय टेंडर जारी कर कंपनियों के ऑफर बुलाए हैं।
Published on:
15 Jun 2025 03:05 pm