
विश्व जल दिवस : पानी पर्याप्त फिर भी प्यासा है शहर, इन बातों को गंभीरता से न लिया तो बढ़ सकती है मुसीबत
भोपाल. राजधानी भोपालवासियों की जरूरत से ज्यादा पानी शहर में उपलब्ध है। बावजूद इसके शहर के 100 से अधिक क्षेत्रों में लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। पर्याप्त पानी के बावजूद प्रबंधन ठीक नहीं हो रहा है। प्रबंधन दुरुस्त हो जाए तो फिर शहर भरी गर्मी में भी जल संकट की जद में नहीं आएगा।
शहर को चार बड़े जल स्रोतों से रोजाना 10 एमजीडी यानी करीब 40 करोड़ लीटर पानी उपलब्ध है, जबकि जरूरत करीब 35 करोड़ लीटर की है। यानी पांच करोड़ लीटर पानी अतिरिक्त होने के बावजूद कई क्षेत्रों में लोग पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं जिन स्रोतों से यह पानी मिल रहा है, उन्हें भी हमने बदहाल कर दिया है। वह हमें पानी दे रहे हैं और हम उन्हीं को मिटाने पर तुले हुए हैं।
गौरतलब है कि भोपाल शहर को बड़ा तालाब के साथ ही कोलार डैम, नर्मदा और केरवा डैम से जलापूर्ति होती है। भूमिगत जल अलग है। इन चारों स्रोतों से निगम को 110 एमजीडी यानी मिलियन गेलन प्रतिदिन पानी मिलता है। ये करीब 40 करोड़ लीटर पानी बनता हैं, जबकि प्रति व्यक्ति 150 लीटर पानी रोजाना की जरूरत के हिसाब से देखें तो शहर की 23 लाख की आबादी को रोजाना 35 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता है। यानी 40 करोड़ पानी उपलब्ध है और जरूरत 35 करोड़ लीटर की है। बावजूद इसके लोग जल संकट में हैं।
जमीन से खींच रहे पानी
बोतलबंद पानी की कंपनियों से लेकर स्थानीय प्लांट भूजल पर निर्भर हैं। यही वजह है कि, अधिकतर प्लांट खेती की जमीन पर हैं। एक प्लांट रोजाना कम से कम 5000 लीटर तक पानी खींच रहा है। शहरवासी भले ही जल संकट से जूझ रहे हों, लेकिन निगम के अफसर इंजीनियर इसी जल संकट के सबसे बड़े कारण लीकेज में लाभ का बड़ा खेल कर रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, एक लीकेज को दुरुस्त करने के नाम पर कम से कम पांच से 10 लाख रुपए का बजट खत्म किया जा रहा है। लीकेज दुरुस्त करने के नाम पर 1 साल के दोरान ढाई करोड़ तक की राशि खर्च की जा रही है। राजधानी में बीते एक महीने में निगम ने 6 लीकेज दुरुस्त किए गए। समझ सकते हैं कि कितने लाख रुपए इन लीकेज को दुरुस्त करने में निगम की जेब से निकाले गए।
नर्मदा प्रोजेक्ट, 1000 करोड़ खर्च फिर भी पूरा नहीं पानी
नर्मदा जलापूर्ति योजना का शहरवासियों को पूरा लाभ अब तक नहीं मिल पा रहा है। जबकि, इसे 10 साल से अधिक का समय हो गया। 2011 में ये प्रोजेक्ट लोकार्पित किया था। तब दावा था कि अगले दो साल में इससे 70 एमजीडी की क्षमता से पानी लिया जाएगा, लेकिन अब भी 34 एमजीडी से अधिक पानी नहीं लिया जा रहा, जबकि इस पर 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। अभी महज दो लाख आबादी तक ही ये सीमित है, जबकि इसे शहर की सात लाख आबादी से अधिक तक विस्तारित हो जाना था।
इन बातों का रखें ध्यान
1- साधारण रूप से प्रत्येक व्यक्ति को अपने वजन के हिसाब से प्रति 20 किलो पर 1 लीटर तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है। या पूरे दिन में 63 लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीने की जरूरत होती है।
2- बोतल बंद पानी महंगा होने के कारण और कई बार सामान्य रूप से उपलब्ध न हो पाने के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी पीने में नहीं आता। जिससे पाचन संबधी परेशानी, शरीर में पानी की कमी, एसिडिटी, कब्ज और किडनी संबंधी समस्या बढ़ सकती है।
3- बोतल बंद पानी, प्लास्टिक की बोतलों में होकर घरों तक आता है। इनमें पाए जाने वाले प्लास्टिसाइजर प्लास्टिक में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व और पानी को फिल्टर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कैमिकल मानव की सेहत पर दुष्प्रभाव डालते हैं। जिससे आगे जाकर महिलाओं में कैंसर और गर्भपात जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
4- घरों में आने वाले नलों के पानी को शुद्ध करने के लिए इसे उबालकर, छानकर पिया जा सकता है। या फिर पानी में बहुत थोड़ी सी फिटकरी डालकर भी इसका उपयोग कर सकते हैं।
गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं होगी
निगमायुक्त केवीएस चौधरी का कहना है कि, अभी जो भी स्थितियां हैं, उनको ध्यान में रखते हुए पर्याप्त और पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पानी का प्रबंधन भी लगातार बेहतर किया जा रहा है।
पानी पर्याप्त है- फिर भी जलसंकट
पीएचई के रिटायर्ड इंजीनियर आरबी राय का कहना है कि, पानी पर्याप्त है, फिर भी जलसंकट की स्थिति है तो फिर जलापूर्ति करने का जिम्मा जिनके पास है, उनकी योग्यता संदेह के दायरे में है। कम पानी के बावजूद कई शहर बेहतर जल प्रबंधन से दिक्कत नहीं आने दे रहे, ऐसे में निगम प्रशासन को गंभीरता से विचार करना चाहिए।
नगर निगम जलापूर्ति देने में लगातार विफल
पूर्व सदस्य महापौर परिषद आशाराम शर्मा का कहना है कि, नगर निगम जलापूर्ति देने में लगातार विफल साबित हो रहा हैं। कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन हो या फिर सिंगल कनेक्शन। नर्मदा लाइन में तो कई क्षेत्रों में पानी ही नहीं पहुंच रहा, जबकि कई की टंकियां नहीं बनी। लोग लगातार परेशान हो रहे हैं।
ओबीसी के चयनित शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, देखें वीडियो
Published on:
22 Mar 2022 03:25 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
