बालासोर, अनुगुल, भद्रक जिलों में अदालतों का कामकाज बाधित रहा। वकीलों के इस आंदोलन से वादकारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आंदोलनकारी वकीलों ने हाईकोर्ट परिसर में पुलिस की तैनाती का विरोध किया। वकीलों ने बीजेडी के लीगल फ्रंट पर हड़ताल तोड़ने के आरोप लगाए गए। वकीलों का यह संगठन सत्ता पार्टी का है, जो हड़ताल तोड़ने में सक्रिय है।
राज्य में कुल 164 बार एसोसिएशन हैं। इनमें से अधिकतर के सामने पटनायक का पुतला फूंकने का दावा किया गया। भुवनेश्वर बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के वकीलों के समर्थन में दो दिन तक काम बंद रखने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का पुतला फूंकने का कोई औचित्य नहीं है। महानद कोलफील्ड संबलपुर में वकीलों ने सहकारिता मंत्री एसएन पात्रा को काले झंडे दिखाए गए।
बार काउंसिल तक ने सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा था। राज्य सरकार पर दोषी पुलिसजनों पर सख्त कार्रवाई के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव काउंसिल ने दिया था। यही नहीं वकीलों के उच्चस्तरीय संगठनों ओडिशा के रवैये की निंदा की है।