Bijapur News: छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित बीजापुर के पालनार गांव में सीआरपीएफ की एक तंबू वाली क्लासरूम मिसाल बनकर उभरी है। सीआरपीएफ ने गांव के बच्चों का बेहतर भविष्य गढ़ने के उद्देश्य टेंट को ही क्लासरूम बना दिया है। जिसमें अफसर से लेकर जवान गांव के बच्चों को ककहरा से लेकर अंकगणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषय पढ़ा रहे हैं। सीआरपीएफ 202 कोबरा क्लासरूम का संचालन कर रही है, जिसे कोबरा क्लासेस का नाम भी दिया गया है।
बच्चों के लिए बेसिक एजुकेशन की सुविधा देने के अलावा 12 वीं पास जरूरतमंदों बच्चों के लिए कैरियर काउंसिलिंग की पहल भी कोबरा ने की है। कोबरा द्वारा संचालित इस क्लासरूम ने गांव का ध्यान अपनी तरफ आकार्षित किया है।
स्वयं अफसर-जवान गांव के प्रमुख लोगाें से संपर्क साधकर बच्चों को क्लासरूम में भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिसके सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। 4 से 5 किमी पैदल चलकर भी बच्चे कैम्प में पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं।शिक्षा के साथ बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए मनोरंजक गतिविधियों के साथ खेलकूद का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा है। सीआरपीएफ की इस पहल से ग्रामीणों का विश्वास बढ़ा है। सुरक्षा बलों को लेकर डर की भावना दूर रही है। पालनार में वर्ष 2023 में कैम्प खोला गया था। वर्तमान में सीआरपीएफ की 202 कोबरा और 222 ए कंपनी तैनात है।
बता दें कि सुरक्षा बल की तैनाती फलस्वरूप एक दशक बाद पालनार में मतदान संभव हुआ। अप्रैल में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के तहत् एक दशक बाद गांव के लोगों ने गांव में ही मताधिकार का प्रयोग किया। जुडूम के दौर में पालनार भी अन्य गांव की तरह नक्सली भय से वीरान हो गया था, लेकिन सुरक्षा बल की तैनाती के बाद यहां हालात फिर से संवर रहे हैं। पालनार फिर से बसने लगा है।
Updated on:
24 Jun 2024 10:15 am
Published on:
23 Jun 2024 07:49 am