
Chhattisgarh News: प्रदेश के राजकीय पशु वनभैंसे की संख्या 37 तक सिमट कर रह गई है। इनमें भी 17 वनभैंसे अकेले बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में देखे जाने का दावा वन विभाग कर रहा है। इन वनभैंसे की आवाजाही राज्य के अलावा महाराष्ट्र में भी होती है। इनके हेबीटेट व आवाजाही पर नजर रखने जियो मैपिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल करने की कवायद की जा रही है।
शुद्ध नस्ल और संख्या पता लगाने की कोशिश छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र की सीमाओं पर वनभैंसे की वास्तविक संख्या व इसके शुद्ध नस्ल की पहचान के लिए अब जियो मैपिंग करने की संभावनाओं पर वन विभाग कवायद करने जा रहा है। हालांकि अभी यह प्रारंभिक स्तर पर है कि यह जियो मैपिंग वनभैंसे की चहलकदमी को दर्शाने कितनी सफल होगी यह कहना मुश्किल है।
इंद्रावती टाइगर प्रोजेक्ट बीजापुर जिले के अंतर्गत आता है। इससे महाराष्ट्र की सीमाएं भी जुड़ी हुई हैं। दोनों ओर के घने जंगल व जलाशय की वजह से वन्य पशुओं की आवाजाही दोनों राज्यों में बराबर होती है। महाराष्ट्र की सीमाई इलाके सैंड्रा और माड़ से लगे जंगलों में कुछ अरसे पहले 17 वन भैंसों का झुंड देखा गया है। दोनों राज्य सरकार के विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह पहली बार है कि वन भैंसे इतनी बड़ी संख्या में एक साथ नजर आए हैं। हालांकि इनकी यह प्रजाति और नस्ल शुद्ध है या नहीं इसके परीक्षण के लिए डीएनए परीक्षण ही एकमात्र जरिया है।
वनभैंसे की कम होती संख्या को बचाने के लिए विभाग चिंतित है। इसके शुद्ध नस्ल की वंशवृद्धि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ब्रीडिंग सेंटर जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। @ अजय श्रीवास्तव।
Published on:
23 Jun 2024 07:30 am
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