
CG News: बीजापुर जिले के धान उपार्जन केंद्रों में बफर स्टॉक से अधिक धान खरीदी के बावजूद उठाव में हो रही देरी ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। 30 उपार्जन केंद्रों में धान रखने की जगह खत्म हो चुकी है, जिससे समितियों को खरीदी बंद करने की चेतावनी देनी पड़ी है।
29 दिसंबर तक जिले में 30 धान उपार्जन केंद्रों में 4 लाख 37 हजार 737 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। हालांकि, अब तक महज 51 हजार 850 क्विंटल का ही उठाव हुआ है, जो केवल 11.85% है। (chhattisgarh news) जिले में अभी 3 लाख 85 हजार 886 क्विंटल धान का उठाव बाकी है। 30 और 31 दिसंबर की खरीदी के बाद यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उठाव में हो रही देरी के कारण खरीदी केंद्रों में धान जाम की स्थिति बन गई है।
कई केंद्रों में धान रखने की जगह बिल्कुल नहीं बची है। समितियों ने बताया कि धान लंबे समय तक केंद्रों में पड़ा रहने के कारण सूखत बढ़ रही है। इससे उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। समितियों का कहना है कि जिले में एकमात्र मिलर होने के कारण यह स्थिति बनी है। यदि अंतरजिला डीओ और टीओ जारी किया जाए, तो इस समस्या का समाधान संभव है।
जिला सहकारी समिति संघ ने ज्ञापन देकर प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर खींचा है। संघ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 5 जनवरी तक बफर स्टॉक से अधिक धान के उठाव को लेकर संतोषजनक कदम नहीं उठाए गए, तो 6 जनवरी से जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी जाएगी।
मार्कफेड की नीति के तहत उठाव में देरी से धान खरीदी समितियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे समस्या और गंभीर हो गई है।
CG News: धान उठाव में हो रही देरी से समितियों का आक्रोश बढ़ रहा है। प्रशासन का समय पर उचित कदम उठाना न केवल धान खरीदी को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक है, बल्कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए भी जरूरी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या निर्णय लेता है।
Updated on:
01 Jan 2025 05:03 pm
Published on:
01 Jan 2025 05:00 pm
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