
आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिली नई जिंदगी की राह (Photo source- Patrika)
CG News: माओवाद की राह छोड़ चुके युवाओं के लिए बीजापुर का पुनर्वास केंद्र अब सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि उम्मीद की नई किरण बन चुका है। यहां आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल सम्माजनक जीवन की मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है, बल्कि उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण और खेल गतिविधियों के जरिए आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है।
शनिवार को पुनर्वास केंद्र में जेसीबी, ट्रक ड्राइविंग और राजमिस्त्री जैसे व्यवसायिक ट्रेडों में प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं ने वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भी दम दिखाया। आयोजन का मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और टीम भावना को मजबूत करना था। चार टीमों के बीच हुए मुकाबले में विजेता और उपविजेता टीमों को नकद इनाम देकर सम्मानित किया गया।
बाकी प्रतिभागियों को भी प्रोत्साहन पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम में डी.आर.जी. के उप पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार साहू, एएसआई कैलाश वर्मा, पीटीआई रवनू राम पोटाई (चेरपाल), केशव तोगर (आवापल्ली), मिहिरडे (इलमिडी) समेत प्रशिक्षक स्टाफ मौजूद रहे।
पुनर्वास केंद्र में अब तक कई युवा जीवनोपयोगी हुनर सीखकर समाज की मुख्यधारा में लौटे हैं। यह केंद्र यह साबित कर रहा है कि यदि सही दिशा और अवसर मिले, तो हिंसा की राह छोड़ चुके युवा भी उज्जवल भविष्य की नई इबारत लिख सकते हैं।
CG News: यह पूरा प्रयास बीजापुर कलेक्टर के मार्गदर्शन और एसपी की निगरानी में चल रहा है। नक्सल ऑप्स के एएसपी के नेतृत्व में पुनर्वास केंद्र को उम्मीद और बदलाव का प्रतीक बनाया जा रहा है। केंद्र के संचालक गौरव पांडे की सक्रियता और समर्पण ने प्रशिक्षण को व्यवस्थित और उपयोगी बना दिया है।
Published on:
30 Jun 2025 02:32 pm
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