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अब बीन बजाकर सांपों के करतब दिखाने वाले सपेरों की खैर नहीं… पढ़े पूरी खबर

बीकानेर. गली-मोहल्लो में बीन बजाकर सांपों के करतब दिखाने वाले सपेरों की अब खैर नहीं। उनको इस काम के लिए जेल की हवा खानी पड़ सकती है। वन विभाग ने सांप को पकड़ कर उनका प्रदर्शन करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयार कर ली है। विभाग का गश्ती दल सपेरों के खिलाफ अधिनयम के तहत कार्रवाई करेगा, ताकि बेजुबान जीव-जन्तु स्वतंत्र विचरण कर सकें। बीकानेर में विभाग स्तर पर कार्य योजना तैयार की जा रही है।

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Bean playing the snake show

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बीकानेर. गली-मोहल्लो में बीन बजाकर सांपों के करतब दिखाने वाले सपेरों की अब खैर नहीं। उनको इस काम के लिए जेल की हवा खानी पड़ सकती है। वन विभाग ने सांप को पकड़ कर उनका प्रदर्शन करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयार कर ली है। विभाग का गश्ती दल सपेरों के खिलाफ अधिनयम के तहत कार्रवाई करेगा, ताकि बेजुबान जीव-जन्तु स्वतंत्र विचरण कर सकें। बीकानेर में विभाग स्तर पर कार्य योजना तैयार की जा रही है।

सजा का प्रावधान
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9(क)के तहत यदि कोई व्यक्ति सांप या अन्य जीव-जन्तुओं को बंधक बनाकर उससे करतब करवाता या प्रदर्शन करता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उनको तीन से सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है।

प्रथम श्रेणी में कोबरा
कोबरा सांप वन्य अधिनियम की अनुसूची में प्रथम श्रेणी में आता है। इसको पकड़ कर प्रदर्शन कराना अपराध माना गया है। सपेरों के पास अधिकतर कोबरा प्रजाति के सांप ही पाए जाते हैं। गौरतलब है कि सावन में इस तरह के सपेरे शहरों की गलियों में सांप को लेकर आते हैं, फिर उसका खेल दिखाकर रोजी-रोटी का जुगाड़ करते हैं।

करेंगे कार्रवाई
'सांप लेकर घूमते, प्रदर्शन करने वाले सपेरों पर विभाग का गश्ती दल नजर रखेगा। उन पर अंकुश लगाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। सपेरों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें सजा तक का प्रावधान है।
जयदीप सिंह राठौड़,
उप वन संरक्षक (वन्यजीव)

जीवों का प्रदर्शन पाप
'प्रत्येक जीव-जन्तु में ईश्वर का वास होता है। सांप व अन्य जन्तुओं का प्रदर्शन करना असल मायने में पाप है। खासकर सावन में सपेरे सांपों को पकड़कर उन बेजुबान जीवों की आजादी छीन लेते हैं, इससे भगवान शंकर कतई प्रसन्न नहीं होते। खुले में विचरण करने वाले आजाद जन्तु हैं। उन पर एक तरह से पाबंदी लग जाती है, जो अनुचित है।
महंत स्वामी सोमगिरी महाराज, शिवबाड़ी