
दर्शन सिंह के साथ धर्मेंद्र। पत्रिका फाइल फोटो
बीकानेर। अमरसिंहपुरा क्षेत्र में रहने वाले दर्शन सिंह सिर्फ प्रशंसक नहीं थे। धर्मेंद्र के लिए वो भावना की प्रतिमूर्ति थे और धर्मेंद्र उनके लिए भगवान। साल 1973 में महज 11 वर्ष की उम्र में एक पोस्टर देख उनके मन में जो चिंगारी जली, वह उम्रभर जलती रही। लगातार 18 साल तक कोशिशें और 1984 में पहली मुलाकात। यही वह क्षण था, जिसने दोनों के बीच अनकहे रिश्ते की शुरुआत की।
पहली मुलाकात भी किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं थी। कई बार खाली हाथ लौटने के बाद एक दिन दर्शन धर्मेंद्र की कार के आगे खड़े हो गए। अभिनेता रुके, पूछा क्या चाहिए, दर्शन बोले, बस एक बार मिलना है। 1984 से अब तक 42 बार मुलाकातें हुईं। हर जन्मदिन पर दर्शन मुंबई जाकर उन्हें अमृतसर गुरुद्वारा का प्रसाद और सरोपा भेंट करते। धर्मेंद्र इस भेंट के इंतजार में रहते, कहते- दर्शन, तू नहीं आता, तो मेरा जन्मदिन पूरा नहीं होता।
दर्शन की दुनिया धर्मेंद्र के इर्द-गिर्द ही घूमती रही। शादी के बाद उन्होंने पत्नी का नाम प्रकाश कौर रखा। धर्मेंद्र की पहली पत्नी के नाम पर। बेटे का नाम सनी।
दर्शन धर्मेंद्र की फिल्मों के चलते अपने आप में एक आर्काइव बन गए। उनकी 310 में से 308 फिल्में देख डालीं। 125 फिल्में पहले शो में। फूल और पत्थर 126 बार, आंखें 75 बार देखी।
दर्शन सिंह अपने चहेते अभिनेता धर्मेंद्र के प्रति इतने समर्पित रहे हैं कि उनके बारे सभी जानकारियां रखते थे। जैसे धर्मेंद्र के लिए तो वो 'गूगल' हो। धर्मेंद्र के 84वें जन्मदिन पर दर्शन सिंह ने मुंबई में उनके घर पर फोटो की शतरंज भेंट की थी, जिसमें धर्मेंद्र के 32 फोटो थे। इस दौरान दर्शन सिंह ने अपने चहेते अभिनेता को बताया था कि उनके जन्मदिन पर किस-किस साल में रविवार रहा, कितनी फिल्मों में उनके ऊपर किसी तरह का गाना नहीं फिल्माया, कितनों पर फिल्माया। तभी धर्मेंद्र ने कहा था कि दर्शन सिंह मेरे लिए तो तू ही गूगल है।
धर्मेंद्र के जन्मदिन पर हर साल देशभर से हजारों लोग मुंबई जाते थे। बीकानेर से दर्शन सिंह के अलावा मनदीप सिंह, प्रीतम सुथार, जीत सिंह, वसीम लोधी, रोमीराज, ताराचंद, नरेन्द्र चावला, पुष्पेंद्र चौधरी, सोहीम मिर्जा भी धर्मेंद्र को जन्मदिन की बधाई देने के लिए मुंबई जाते थे।
Updated on:
25 Nov 2025 02:12 pm
Published on:
24 Nov 2025 03:54 pm
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