
independence day special
बीकानेर. जैसे ही १४ अगस्त की मध्यरात्रि घड़ी में १२ बजते हैं, बीकानेर के नत्थूसर गेट के बाहर सर्किल पर लोगों की भीड़ जुट जाती है। शहर के गली-मोहल्लों से बच्चे और युवाओं की टोलियां हाथों में तिरंगा लिए और भारत माता का जयघोष करते यहां पहुंचती हैं। मध्यारात्रि को यहां देश की आजादी का जश्न मनाया जाता है। इसमें बच्चों से बुजुर्ग तक जोश व उत्साह से शामिल होते हैं।
क्षेत्रवासी बताते है कि आजादी का जश्न मनाने का यह सिलसिला वर्ष १९४७ से चल रहा है। रम्मतों के वरिष्ठ कलाकार रंगा ठाकुर और उनके साथियों की ओर से शुरू किए गए इस जश्न के कार्यक्रम में क्षेत्रवासी उल्लास के साथ शामिल होते हैं। आयोजन से जुडे़ शिव कुमार देरासरी के अनुसार मंगलवार को मध्यरात्रि १२ बजे बाद देश की आजादी का जश्न मनाया जाएगा।
देशभर में १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस सुबह ध्वजारोहण के साथ मनाया जाता है, लेकिन नत्थूसर गेट के बाहर देश की आजादी के समय से ही मध्यरात्रि को जश्न मनाने की शुरू हुई परम्परा आज भी चल रही है। क्षेत्रवासी श्याम नारायण रंगा बताते है कि आजाद मण्डल की ओर से यहां २६ जनवरी और १५ अगस्त दोनों अवसरों पर जश्न मनाया जाता है। इसमें क्षेत्र के लोग देशभक्ति की भावना व उत्साह से भाग लेते हैं। रंगोली सजाई जाती है, राष्ट्रगान होता है और प्रसाद वितरित किया जाता है। रंगा बताते हैं कि देश में संविधान लागू होने से पहले से यह परम्परा चल रही है।
पक्के देशभक्त थे रंगा ठाकुर
क्षेत्रवासी बताते है कि रंगा ठाकुर पक्के देशभक्त थे। देश की आजादी के आन्दोलन में अगवा रहे स्वतंत्रता सेनानियों से उनकी मित्रता और उनके विचारों का रंगा ठाकुर के जीवन पर गहरा असर रहा। रम्मत कलाकार, रम्मत उस्ताद के साथ अपने सार्वजनिक जीवन में उन्होंने देश को सबसे ऊपर रखा।
उनके रम्मतों के ख्याल गीतों में भी देश सेवा, देशभक्ति झलकती थी। देश को कोई दूसरा देश गलत दृष्टि से देखता उनका आक्रोश रम्मत के गीतों में सामने आता। देश, राजनीति व समाज में आ रही कमियों की छटपटाहट और एक पथ प्रदर्शक के रूप में संदेश भी उनके रम्मत गीतों में सामने आता था।
Published on:
14 Aug 2018 08:33 am
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
