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निजी स्कूलों पर कड़ाई: एक ही जगह से ड्रेस-किताबें खरीदने के लिए नहीं कर सकते बाध्य, हरकत में अधिकारी

Bikaner News: निजी स्कूलों की मनमानी अब उनको भारी पड़ सकती है। नोखा सीबीईओ ने सभी पीईईओ को इस संबंध में गहन जांच के निर्देश दिए हैं। निश्चित दुकान से किताब और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य करने पर कार्रवाई की जाएगी।

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नए रंग की यूनिफार्म में दिखेंगे बच्चे

नए रंग की यूनिफार्म में दिखेंगे बच्चे (फोटो-पत्रिका)

बीकानेर। निजी शिक्षण संस्थानों को अब निर्धारित दुकान से किताब और यूनिफॉर्म क्रय करने के लिए बाध्य करना भारी पड़ेगा। यदि निजी शिक्षण संस्थान अभिभावकों को इसके लिए बाध्य करेंगे, तो विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। नए सत्र की शुरुआत से पहले ही इस संबंध में गहन जांच करने के निर्देश शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं।

मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी जिलाधीशों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में जांच करने के लिए लिखा है। इसी के आधार पर नोखा सीबीईओ प्रेमदान चारण ने पंचायत स्तर पर सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पंचायत क्षेत्र के सभी निजी विद्यालयों की इस संबंध में गहन जांच करें। शहरी क्षेत्र के सभी विद्यालयों की जांच सीबीईओ चारण स्वयं जांच करेंगे।

मिलती हैं शिकायतें

अक्सर ऐसी शिकायतें सुनने को मिलती रहती हैं कि कुछ निजी स्कूल, अभिभावकों को अपने द्वारा निर्धारित विक्रेताओं से ही पुस्तकें, रेफरेंस बुक्स तथा स्कूल यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। कई स्कूलों ने तो परिसर के आसपास ही इस तरह की व्यवस्था की है, जिसमें स्कूल ड्रेस और किताबें मिलती हों। साथ ही वे अभिभावकों को इस बात के लिए भी बाध्य करते हैं कि वे उन्हीं दुकानों या गिनी चुनी या उनकी इंगित की गई दुकानों से ही स्टेशनरी, किताबें और यूनिफार्म आदि खरीदें।

इसलिए पड़ी जरूरत

बताया जाता है कि निजी स्कूलों की इसी प्रवृत्ति पर रोक लगाने और अभिभावकों को अपनी मर्जी के स्थान से शिक्षण सामग्री खरीदने की स्वतंत्रता देने के लिए ऐसे आदेश पूर्व में भी विभाग द्वारा जारी किए गए थे। यही आदेश हर वर्ष शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले जारी किए जाते हैं, ताकि अभिभावकों को जानकारी हो सके और निजी शिक्षण संस्थान अपनी मनमर्जी नहीं चला सके।

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