अस्पताल में सोनोग्राफी कराने के लिए मरीज व परिजन तड़के चार-पांच बजे लाइन में लग जाते हैं। इसके बावजूद उनका नंबर नहीं आता। हालत यह है कि कई मरीजों को तो हर बार तारीख दे दी जाती है। पीबीएम के मुख्य भवन में आउटडोर के मरीजों को सोनोग्राफी कराने के लिए २५ से ३० दिन आगे की तारीख दी जा रही है।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना के बाद से पीबीएम अस्पताल में मरीजों का भार तीन गुना तक बढ़ गया है। ऐसे में सोनोग्राफी जांच भी तीन गुना अधिक होने लगी है। ऐसे में यहां सोनोग्राफी मशीनों और सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सकों का अभाव है। अस्पताल में दो सोनोग्राफी मशीनें और लगें तो मरीजों का राहत मिल सकती है।
मशीनों की स्थिति
गायनिक १
कैंसर अस्पताल १
मुख्य भवन २
ट्रोमा सेंटर १
एक्स-रे विभाग में स्टाफ
एचओडी १
सहा. आचार्य रेडियोलॉजिस्ट ४
स्टूडेंट एमडी ९
पद हैं खाली
एक्स-रे विभाग में ४८ मशीनें है। यहां वर्तमान में २६ रेडियोग्राफर हैं और ३५ रेडियोग्राफर के पद खाली पड़े हैं।
रोजाना सोनाग्राफी
गायनिक विभाग ९०
कैंसर अस्पताल ४०
मुख्य भवन २००
ट्रोमा १० व्यवस्था में सुधार हो
पीबीएम अस्पताल में होने वाली नि:शुल्क जांच में विशेष तौर से सोनोग्राफी कराना बहुत टेढ़ा काम है। सोनोग्राफी में एक महीना लग रहा है। जांच की तारीख वाले दिन भी दोपहर तक इंतजार करना पड़ता है। पीबीएम अस्पताल प्रशासन को व्यवस्था में सुधार कर मरीजों को राहत देनी चाहिए।
नंदकिशोर, मरीज का परिजन