
Rajasthan News : राजस्थान के 40 स्कूलों को अब नया नाम दिया गया है। इनमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल भी शामिल हैं। वजह बेहद रोचक है। जानें शिक्षा विभाग ने उठाया बड़ा कदम, क्यों?
Rajasthan News : बीकानेर. चोरपुरा, चुडै़ल और भंगीपुरा जैसे अशोभनीय नामों वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षा विभाग ने नाम बदल दिए हैं। प्रदेश में ऐसे 40 स्कूलों को अब नया नाम दिया गया है। इनमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल भी शामिल हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों के नाम बदलने के लिए प्रस्ताव मांगे थे। प्रस्ताव मिलने पर उनकी समीक्षा कर शनिवार को 40 सरकारी स्कूलों के नाम परिवर्तित के आदेश जारी कर दिए गए। इनमें 35 प्राथमिक तथा पांच उच्च प्राथमिक स्कूल शामिल हैं।
कई स्कूलों के नाम के साथ कंजर, भिखारिया, चुड़ैलियों, चोरपुरा, भंगीपुरा जैसे शब्द जुड़े हुए थे। इनके नामों से बदनामी का आभास होता था। मसलन धौलपुर में राप्रावि चोरपुरा को अब राप्रावि भैंसेना किया गया है। भीलवाड़ा में राप्रावि चुड़ैलों का झोपड़ा के नाम को बदलकर राप्रावि सोजीपुरा किया है। अजमेर के राप्रा विद्यालय कंजर बस्ती रामगंज का नाम बदलकर राप्रावि रामगंज किया है। बांसवाड़ा जिले के राप्रा विद्यालय भिखारिया का नाम बदलकर राप्रावि डूंगरफला इटाला किया है। करौली में राप्रावि भंगीपुरा का नाम बदल राप्रावि पटवारी का पुरा, ससेडी किया है।
प्रारम्भिक शिक्षा के अधीन जिस तरह के आपत्तिजनक स्कूलों के नाम बदले गए हैं, उसी तरह के नामों वाले दर्जनों स्कूल माध्यमिक शिक्षा के अधीन भी चल रहे हैं। प्रारिम्भक शिक्षा निदेशालय की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भी ऐसे स्कूलों को नाम बदलने चाहिए। प्रदेश में हरिजन बस्ती और जातिसूचक शब्द जुड़े कई माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल संचालित हो रहे है।
प्रारम्भिक शिक्षा में नाम बदले गए अधिकांश स्कूल बरसों पहले खोले गए। जातिसूचक मोहल्लों के नाम को स्कूल के नाम में जोड़ दिया गया था। अधिकांश स्कूल भीलों की बस्ती, चमारों की बस्ती, कंजरीवाला, मेघवालों का मोहल्ला, हरिजन बस्ती आदि शब्द है। अब इन मोहल्लों के नाम बदले जा चुके हैं, परन्तु स्कूलों के नाम पुराने ही चल रहे थे।
Updated on:
04 May 2025 12:45 pm
Published on:
04 May 2025 10:54 am
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