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राजस्थान का रण : ‘लूण’ की तरह वोटरों का थोड़ा सा कम-ज्यादा होना बिगाड़ेगा जायका’

locationबीकानेरPublished: Dec 04, 2018 10:21:57 am

बीकानेर. ‘लूण’ यानि नमक की झील के इलाके लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला कड़ा है। जैसे नमक के थोड़ा भी कम डलने पर भोजन का जायका बिगाड़ देता है। प्रत्याशी भी इसी डर से वोटरों के थोड़ा भी इधर-उधर होने नहीं देना चाह रहे। भाजपा के सुमित गोदारा पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे, जो उन्हें ऊर्जा दे रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र बनीवाल पिछले चुनाव में हार की सहानुभूति की उम्मीद पर सवार है।

rajasthan election : lunkaransar assembly

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जयप्रकाश गहलोत
बीकानेर. ‘लूण’ यानि नमक की झील के इलाके लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला कड़ा है। जैसे नमक के थोड़ा भी कम डलने पर भोजन का जायका बिगाड़ देता है। प्रत्याशी भी इसी डर से वोटरों के थोड़ा भी इधर-उधर होने नहीं देना चाह रहे। भाजपा के सुमित गोदारा पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे, जो उन्हें ऊर्जा दे रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र बनीवाल पिछले चुनाव में हार की सहानुभूति की उम्मीद पर सवार है। प्रत्याशी के माणिकचंद सुराणा के चुनाव मैदान से हटने पर उत्साहित भाजपा के बागी प्रभुदयाल सारस्वत निर्दलीय ताल ठोके हुए है। इस बार भी लूणकरनसर को नगर पालिका घोषित करने, रोझां चौराहे के रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनने एवं पेयजल समस्या मुद्दा बने हुए है।

लूणकरनसर तहसील मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर रोझां गांव। यहां शाम करीब सवा पांच बजे एक दुकान के आगे बुजुर्ग व युवा ग्रामीण चुनावी चर्चा में मशगूल है। हमने चुनाव पर बात आगे बढ़ाई तो ग्रामीण मूलाराम बोले, युवाओं को रोजगार नहीं, किसानों को फसल का मूल्य नहीं। गांवों में पानी नहीं, फसल को यूरिया नहीं। पास बैठे सुखराम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने बहुत विकास कार्य किया है। हर वर्ग को कुछ न कुछ दिया है। यहां से फूलदेसर गांव में एक युवा ने अपनी पहचान नहीं छापने का कहते हुए जीत-हार का गणित समझाया। यहां चुनावी रंगत प्रत्याशी के दौरे के दौरान ही ज्यादा देखने को मिलती है।
सुरनाणा गांव में पहुंचे तो वहां कोजूराम गोदारा ने कहा कि चुनाव में अब पहले वाली बात नहीं रही। अब लोग पार्टी नहीं काम देखते हैं। काम के आधार पर इस बार मुकाबला कांटे का है। भाजपा और कांग्रेस दोनों एक-एक वोट के लिए संघर्ष कर रहे है। यहां से कई और गांवों का दौरा करने के दौरान सड़क, पेयजल और बिजली की समस्याओं को तो लोगों ने गिनाया लेकिन वोट की बात करने पर भाजपा और कांग्रेस के पक्ष में तर्क देते दिखे। लूणकरनसर लौटने पर मुख्य सड़क पर मिले सांवरलाल से चुनाव पर बात की तो वे बोले पिछले चुनावों में शहरी वोटों में कांग्रेस का पलड़ा कमजोर रहा है।
इस बार शहरी वोटों में निर्दलीय भी सेंध लगा रहे हैं। शहर में २० हजार से अधिक वोट है। इस बार क्षेत्र के दिग्गज राजनीतिज्ञ विधायक माणिक चंद सुराणा मैदान में नहीं है। पिछले चुनाव में उन्हें भरपूर समर्थन देकर निर्दलीय जिताने वाले जिस तरफ झुकेंगे वहीं इस बार जीतेगा। शहर के आस-पास कालू, साहनीवाला, फूलदेसर, कांकड़वाला, आडसर, गारबदेसर, गुंसाईंसर आदि गांवों में चुनावी रंगत चरम पर है।
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