बीकानेर। जिले में उमस भरी गर्मी ने जहां लोगों को बेहाल कर रखा है, वहीं मोबाइल फोन भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। मोबाइल रिपेयरिंग की दुकानों पर इन दिनों सबसे आम शिकायत है 'मोबाइल बिना पानी के भी खराब हो गया।' दरअसल, पसीने की नमी अब स्मार्टफोन की सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है। कुल मिला कर कहें, तो उमस ने आम जनजीवन के साथ-साथ डिजिटल लाइफलाइन मोबाइल फोन को भी निशाने पर ले लिया है।
मोबाइल मरम्मत करने वाले दुकानदारों के मुताबिक, अक्सर ग्राहक कहते हैं सुबह तक तो फोन ठीक चल रहा था, अभी अचानक आवाज आनी बंद हो गई। बैटरी बहुत गर्म हो रही है, चार्ज भी नहीं हो रहा। फोन तो पानी से दूर ही रखा था। लेकिन असली कारण है लंबे समय तक कॉल करते वक्त कान से चिपका मोबाइल, जिसमें पसीना धीरे-धीरे रिस कर अंदर चला जाता है, जिससे स्पीकर, माइक या चार्जिंग पोर्ट काम करना बंद कर देते हैं।
बीकानेर के गणपति प्लाजा में मोबाइल बिक्री और मरम्मत की करीब 250 दुकानें हैं। यहां प्रतिदिन मरम्मत के लिए आने वाले 100 मोबाइल में से 70 फोन ऐसे होते हैं, जो पसीने या नमी के कारण खराब हुए होते हैं। मोबाइल दुकानदार राहुल तलवेजा ने बताया, 'जब हम बताते हैं कि मोबाइल पानी या पसीने से खराब हुआ है, तो ग्राहक मानने को तैयार नहीं होते।
जबकि हकीकत यह है कि लंबे समय तक कॉल करने के दौरान पसीना मोबाइल के अंदर चला जाता है।' राजा खान, एक और मोबाइल मिस्त्री, बताते हैं, 'स्पीकर खराब होने की सबसे बड़ी वजह इन दिनों पसीना है। गर्मी के चलते यह अब आम समस्या बन गई है।'
सिर्फ पसीना ही नहीं, ओवरहीटिंग यानी अत्यधिक गर्म होना भी मोबाइल के खराब होने की एक बड़ी वजह बन गई है। चार्जिंग के दौरान मोबाइल तेज गर्म हो जाता है। लगातार चार्जिंग करने से बैटरी जल्दी डैमेज हो रही है। कुछ मोबाइल में गर्मी के चलते ऑटोमेटिक शटडाउन या हैंग जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
लंबी कॉल के दौरान इयरफोन या ब्लूटूथ डिवाइस का प्रयोग करें। मोबाइल को सीधे धूप में या तकिए के नीचे न रखें। चार्जिंग के समय मोबाइल का कवर हटा दें, ताकि गर्मी बाहर निकल सके। स्क्रीन गार्ड और कवर नमी-रोधी हों, जांच कर लगवाएं।
Published on:
05 Jul 2025 05:34 pm