प्रथम दिवस मूर्तिकला प्रशिक्षक ने मूर्तिकला की प्राथमिक बारिकियों को प्रायोगिक रूप से समझाया और छात्रों से भी करवाया। महाविद्यालय के संस्थापक भंवर लाल का व्यक्ति चित्र बनाकर इसमें आने वाली समस्याओं से अवगत करवाया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पंकज जैन ने छात्रों के सीखने की ललक की सराहना की और कहा कि कला अभिव्यक्ति में किसी भी माध्यम की बाधा कलाकार में नहीं होनी चाहिए, इसलिए हमें निरन्तर सीखने की प्रृवति को बनाए रखना चाहिए।