
बिलासपुर. सरकंडा क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट नहीं होने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने एक दिन के लिए दो दर्जन से अधिक दवा दुकानों को सील कर दिया। इसके बाद आपाधापी में जिला औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारी कलेक्टोरेट पहुंचे। शिकायतकर्ता मेडिकल रिप्रजेटेटिव को दुष्प्रचार व भ्रामक जानकारी देने बताया गया। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने संघ के पदाधिकारियों की बातें सुनीं पर फैसला एक दिन के लिए टाल दिया। यह कार्रवाई कलेक्टर के आदेश पर हुई है।
सरकंडा क्षेत्र में छोटी-बड़ी दो दर्जन मेडिकल स्टोर्स संचालित हैं। इन दुकानों में फार्मासिस्ट नहीं होने की शिकायत मेडिकल रिप्रजेटेटिव वैभव शास्त्री ने किसी भी दवाई दुकानों में फार्मासिस्ट नहीं होने की शिकायत की गई थी। इसके आधार पर गुरुवार को औषधि अधिकारियों व निरीक्षकों की टीम ने सभी मेडिकल स्टोर्स को एक दिन के लिए सील कर दिया गया। इस कार्यवाही से उद्वेलित मेडिकल स्टोर्स संचालकों ने जिला औषधि विक्रेता संघ से शिकायत की गई। अरपापार के मेडिकल स्टोर्स को एक दिन के लिए सील करने के मामले हड़बड़ाए औषधि विक्रेताओं ने शाम को कलेक्टोरेट पहुंचे । इसमें संघ के पदाधिकारियों समेत काफी संख्या में दवा विक्रेता मौजूद रहे।
एडीएम से की एमआर की शिकायत : संघ के पदाधिकारियों ने एमआर वैभव शास्त्री द्वारा मेडिकल स्टोर्स संचालकों के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। इसके पूर्व किए गए कृत्य की शिकायत की जानकारी एडीएम को दी गई। शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई।
एक दिन के लिए टाल दिया फैसला : जिला औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष हरजीत सिंह सलूजा ने बताया कि एमआर की कारगुजारियों से जिला प्रशासन के अधिकारी को अवगत कराया गया है। उसके खिलाफ कार्रवाई करने संबंधी निर्णय के लिए शुक्रवार तक समय मांगा गया है।
अफसरों की चुप्पी : इस मामले को लेकर एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, सहायक नियंत्रक औषधि को कई बार उनके सेलफोन पर संपर्क किया गया। लेकिन इन अधिकारियों ने इस मामले में मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया गया। सभी अधिकारी चुप्पी साध ली।
पत्रिका व्यू...: शहर के अवैध क्लीनिकों को सील करने के लिए प्रशासन को कई महीनों से प्लानिंग करनी पड़ी, लेकिन अरपापार के मेडिकल दुकानों को एक दिन के लिए सील करने में जिला प्रशासन के मुखिया ने तनिक भी देर नहीं की। मात्र एक शिकायत पर इतनी बड़ी कार्रवाई होने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्योंकि इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बावजूद भी प्रशासनिक सूचना तंत्र अनभिज्ञ है। शहर में चारों और अन्य समस्या व्याप्त हैं। कलेक्टोरेट पहुंचने वाले फरियादी को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर इतनी जल्दी ही उनकी समस्याओं का निराकरण हो जाए तो हमारा शहर स्मार्ट हो जाएगा।
सही शिकायत पर नौकरी से निकालने दबाव बनाया : मेडिकल स्टोर्स संचालकों ने शासन के नियमों का पालन नहीं करनी की शिकायत की थी। इसके आधार पर प्रशासन ने दो दर्जन सरकंडा की दवा दुकानों को एक दिन के लिए सील किया गया। इससे बौखलाएं दवा विक्रेताओं ने उसे फंसाने का कुचक्र रचा गया। जिस दवा कंपनी में कार्यरत हूं। उसके अधिकारी को नौकरी से बाहर करने दबाव बनाया जा रहा है।
वैभव शास्त्री, एमआर, बिलासपुर
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फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर जांच की थी : एमआर वैभव शास्त्री फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर एक निजी हॉस्पिटल में जांच करने गया था। इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन ने औषधि विभाग में शिकायत की थी। अवैध वसूली के लिए तरह-तरह के हथकंडे एमआर अपना रहा है।
सरजीत सिंह सलूजा, जिला औषधि विक्रेता संघ, बिलासपुर
Updated on:
13 Oct 2017 10:56 am
Published on:
13 Oct 2017 10:52 am
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