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6 बेरोजगारों से 50 लाख की ठगी, CM हाउस में पोस्टिंग बताकर नौकरी का झांसा, FIR दर्ज

CG Fraud News: सीएम हाउस में पोस्टिंग होने और ऊंची पहुंच का भरोसा दिलाते हुए दुर्ग और अंबिकापुर के दो ठगों ने 6 युवा बेरोजगारों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया।

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6 बेरोजगारों से 50 लाख की ठगी(photo-unsplash)

6 बेरोजगारों से 50 लाख की ठगी(photo-unsplash)

CG Fraud News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्वयं की सीएम हाउस में पोस्टिंग होने और ऊंची पहुंच का भरोसा दिलाते हुए दुर्ग और अंबिकापुर के दो ठगों ने 6 युवा बेरोजगारों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया। उनसे 50 लाख रुपए ठग कर साल भर बाद एक बेरोजगार को सहायक अभियंता का फर्जी नियुक्ति आदेश भी थमा दिया। पीडि़त को जब हकीकत का पता चला तो उसने अपने और अन्य साथियों के साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है।

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CG Fraud News: सिविल लाइन थाने में केस दर्ज

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। तोरवा क्षेत्र के हेमूनगर निवासी मोनिषा सिंह ने धोखाधड़ी कर शिकायत करते हुए बताया कि उनका परिचय सुरेश साहू और खिलेश्वरी साहू के माध्यम से दुर्ग में रहने वाली प्रिया देशमुख और अंबिकापुर में रहने वाले रजत गुप्ता से साल भर पहले हुई थी। प्रिया स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी है। जबकि, अंबिकापुर के रजत ने स्वयं को सीएम हाउस में पदस्थ होने का दावा किया था।

दोनों ने उन्हें सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया था। उनके झांसे में आने के बाद आरोपी प्रिया और रजत ने मिलकर मोनिषा के साथ ही उसके परिचित संतोष कुमार, गौतम बाई, आकाश शर्मा, ज्योतिष, श्यामादेवी को लैब परिचारक, भृत्य और सीएसईबी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग किस्तों में 50 लाख रुपए ठग लिए। पीडि़तों ने ये रकम नगद, खाते में ट्रांजेक्शन और रिश्तेदारों के माध्यम से दिए थे।

रकम लेने अलग-अलग स्थान का चयन

शिकायत में बताया गया कि पैसों का लेनदेन करने के लिए आरोपी 25 अक्टूबर 2023 से 21 सितंबर 2024 के बीच बिलासपुर में चंदेला नगर, रजिस्ट्री ऑफिस, तितली चौक, गांधी चौक आए थे। इस दौरान अलग-अलग किस्तों में पीडि़तों से रकम ठगे। एक दो पीडि़तों को दुर्ग भी बुलाया गया था और वहां भी आरोपियों ने पैसे लिए।

पैसे देने बेरोजगारों ने जमीन-जेवर तक बेच दिए

बेरोजगारों ने सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद में आरोपियों को यह रकम कर्ज, जेवर और जमीन बेचकर दिए। शिकायत में बताया गया कि न तो किसी को नौकरी मिली और न ही पैसे लौटाए गए। इस दौरान दोनों आरोपी लगातार टालमटोल करते रहे। जब उन्होंने नौकरी के लिए दबाव बनाया तो मोनिषा को सहायक अभियंता और बाकियों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया गया।

जब नियुक्ति पत्र फर्जी होने की जानकारी हुई, तब पीडि़तों को ठगी का अहसास हुआ और फिर उन्होंने इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की। टीआई सिविल लाइन के एसआर साहू ने कहा की 6 बेरोजगारों से 50 लाख रुपए ठगी की शिकायत पर दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।