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बर्खास्त 2621 सहायक शिक्षकों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने कहा- न अवैध, न मनमाना…

CG High Court: हाईकोर्ट ने शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान लैबोरेटरी पद पर समायोजित करने के राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया है।

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CG High court: सेंट्रल यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर विवाद, हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से मांगा स्पष्टीकरण...(photo-patrika)

CG High court: सेंट्रल यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर विवाद, हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से मांगा स्पष्टीकरण...(photo-patrika)

CG High Court: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर प्रदेश के 2,621 बर्खास्त बीएड योग्य सहायक शिक्षकों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो, गया है। हाईकोर्ट ने शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान लैबोरेटरी पद पर समायोजित करने के राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया है। जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की सिंगल बेंच ने समायोजन के खिलाफ दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह निर्णय न तो अवैध है और न ही मनमाना।

CG High Court: राज्य सरकार के फैसलों को सही ठहराया

बता दें कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बर्खास्त बीएड सहायक के विभिन्न स्कूलों में लैब सहायक के पद पर समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। जांजगीर चांपा निवासी शिक्षक संजय कुमार और मुंगेली निवासी विजय कश्यप ने अप्रैल 2025 में लिए गए सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

याचिका में कहा कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत सहायक शिक्षक के पूरे पद सीधी भर्ती से भरे जाने हैं, लेकिन सरकार ने इन पदों पर बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित कर नियमों का उल्लंघन किया है।

4422 में से 2621 पदों पर समायोजन

सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि 4422 रिक्त पदों में से 2621 बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया, जो अप्रैल 2024 में कोर्ट के आदेश से बर्खास्त हुए थे। ये तमाम शिक्षक बीएड धारक थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डीएड योग्यता जरूरी होने से उनकी सेवाएं समाप्त हुई। सभी दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि सरकार का यह कदम नियमों के अनुरूप है और इसमें कोई मनमानी नहीं है। इसलिए याचिका को खारिज कर राज्य सरकार के समायोजन फैसले को बरकरार रखा।