
Bilaspur Airport: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के बिलासा एयरपोर्ट की शुरुआत के लगभग साढ़े तीन साल बाद भी नाइट लैंडिंग शुरू न हो पाने से यहां विमान सेवाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा है। काफी मशक्कत के बाद हालांकि कुछ शहरों के लिए नियमित फ्लाइट उड़ान भर रहीं हैं। लेकिन ठंड के सीजन में विजिबिलिटी कम होने पर इनकी उड़ान भी कितनी नियमित रह पाएगी, यह भी सन्देह के दायरे में है।
Bilaspur Airport: याचिकाकर्ता वकील संदीप दुबे ने कहा की नाइट लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट में अत्याधुनिक रनवे लाइट लगाई गई है, जो सेटेलाइट से कनेक्टेड है। ऐसा सिस्टम अभी दिल्ली, रायपुर सहित कुछ ही जगहों पर स्पोर्टिंग के तौर पर लगा है। जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार यहां के सिस्टम के संचालन के लिए तकनीकी अड़चन गतिरोध बना हुआ है। जो दिक्कत और गतिरोध हैं उनको दूर करना चाहिए।
वहीँ याचिकाकर्ता के वकील आशीष श्रीवास्तव ने कहा की जो फ्लाइट अभी शुरू हुई हैं उनके सुचारु संचालन और अन्य बड़े शहरों के लिए फ्लाइट शुरू कराने के लिए नाइट लैंडिंग जरूरी है। हाईकोर्ट के निर्देशों और तकनीक निर्धारण के बाद इसके लिए प्रारंभिक कार्य किए जा चुके हैं। इसके अंतर्गत एयरपोर्ट में रनवे लाइट लाइट एटीएस टॉवर लग चुके हैं। अब इस कार्य में बेवजह देर की जा रही है। राज्य शासन को इसमें रुचि लेकर काम कराने चाहिए।
साथ ही हाईकोर्ट वकील सुशोभित सिंह ने कहा की वकीलों को अक्सर सुप्रीम कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई के सिलसिले में दिल्ली जाना पड़ता है। इसके अलावा पढ़ाई और बिजनेस के लिहाज से हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, सूरत के लिए फ्लाइट जरूरी हैं। नाइट लैंडिंग शुरू होने से लोगों को दिल्ली सहित अन्य जगहों के लिए नियमित फ्लाइट उपलब्ध होने की संभावना बढ़ेगी।
नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू नहीं हो पाने के कारण नई उड़ानें भी शुरू नहीं हो रही हैं। दिल्ली के लिए नियमित फ्लाइट के साथ मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता के लिए नियमित फ्लाइट जरूरी हैं। खास बात यह है कि टेक्नोलॉजी के निर्धारण के बाद नाइट लैंडिंग के लिए रनवे लाइट और एटीएस टॉवर भी लग चुका है, सिर्फ सिस्टम इंस्टाल करना है।
मार्च 2001 में यहां एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद से लेकर अब तक देखा जाए तो यहां नाइट लैंडिंग सहित रनवे की लंबाई बढ़ाने सहित अन्य सारी सुविधाएं हो जानी थी। रनवे की लंबाई बढ़ाने के लिए सेना की 287 एकड़ जमीन सीमांकन के बाद प्रशासन अधिग्रहित कर चुका है। नाइट लैंडिंग के लिए यहां रनवे लाइट, एटीएस टॉवर आदि लगाए जा चुके हैं। लेकिन आगे का काम ठप पड़ा है।
नाइट लैंडिंग न होने के कारण बारिश और ठंड में विजिबिलिटी काम होने की वजह से फ्लाइट उतारने में मुश्किल होती है। खासतौर पर ठंड में इनविजिबिलिटी होने की वजह से विमानों को कैंसिल किया जाता है या फिर रायपुर एयरपोर्ट में उतारा जाता है।
Updated on:
19 Oct 2024 01:20 pm
Published on:
19 Oct 2024 01:18 pm
बड़ी खबरें
View Allबिलासपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
