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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: अपराधों के विरूद्ध पत्रिका का अभियान जारी, चेहरे हो रहे बेनकाब पीडि़त की पूरी कहानी उसी की जुबानी… मैंने टेलीग्राम पहली बार चलाने की शुरुआत ही की थी, कि मुझे देव नेट कंपनी से एक मैसेज आया। उसमें एक लिंक पर क्लिक कर बताया गया था कि इसे टच करने पर जो एक फोटो सामने आएगा, उसे सेंड करने पर 150 रुपए मिलेंगे। मैंने लिंक टच कर उसे अपना डिटेल डालते हुए जैसे ही प्रक्रिया पूरी की, मेरे
खाते में 150 रुपए आ गए। ऐसे तीन टास्क और आए, हर बार मुझे कुछ न कुछ इनाम के तौर पर रुपए मिले। फिर मुझसे कहा गया कि 500 रुपए लगाओ, 6 हजार मिलेंगे। लालच में आकर मैंने वैसा किया, तो मुझे रुपए मिल गए।
इसके बाद मैं रुपए लगाता गया और उसे बढ़ कर रुपए मिलने के ऑफर मिलते रहे।
लालच में आकर मैंने 7 लाख रुपए लगा दिए। मुझे बताया गया था कि इसके एवज में 13 लाख मिलेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ। विड्रॉल करने की बात पर बताया गया कि प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है, लिहाजा उसे 6 लाख और जमा करने होंगे, तब जाकर 20 लाख रुपए मिलेंगे। मैंने कहा कि मुझे इतने में ही विड्रॉल करना है। आप प्रक्रिया कर मेरी रकम लौटाएं, तो कंपनी ने कहा ऐसा नहीं होगा।
आपको ₹6 लाख जमा करने होंगे, अन्यथा पूरी रकम डूब जाएगी। मैंने मैसेज किया कि रकम नहीं मिलने पर वह कानूनी कार्रवाई करेगा, तो उधर से मैसेज आया कि वह खुद लीगल एडवाइजर से संपर्क कर उस पर केस दायर करेंगे। अब कोर्ट में मिलते हैं। मैं डर गया। मैं समझ गया कि मुझसे ठगी हो गई है। मैंने साइबर क्राइम की मदद लेने का फैसला लिया और बिलासपुर स्थित साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है ,मामले पर जांच जारी है।
5 लोन लेकर जमा की रकम
मैंने ज्यादा रुपए लगाने पर कई गुना ज्यादा रकम मिलने के लालच में दो दिन पहले ही 5 लाख रुपए फ्रॉड कंपनी को सेंड किए। यह रकम मैंने लोन में ली थी।