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नौकरी के नाम पर धोखा… स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना में छात्रों के नाम पर बांटे गए फर्जी नियुक्ति पत्र

Central University: पत्रिका टीम ने कई छात्रों से संपर्क कर इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने न तो आवेदन किया, न नौकरी मिली और न ही कोई स्टाइपेंड मिला।

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स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना (Photo source- Patrika)

स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना (Photo source- Patrika)

Central University: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) ने नैक ग्रेडिंग हासिल करने के लिए नौकरी के नाम पर खेला कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत पहल से प्रेरित होकर शुरू की गई स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना को विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2024 में नैक ग्रेडिंग पाने के लिए कागज़ों पर ही सफल दिखाने के लिए फर्जीवाड़े का सहारा लिया।

Central University: प्रशासन ने छात्रों के नाम पर जारी की फर्जी नियुक्ति पत्र

योजना का उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ बाहरी संस्थानों में पार्ट-टाइम नौकरी दिलाना और स्टाइपेंड के माध्यम से व्यावसायिक कौशल का पारंगत कर आत्मनिर्भर बनाना था। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुभवात्मक शिक्षा घटक से भी जोड़ा गया था। लेकिन नैक के लिए लगाए गए दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ कि प्रशासन ने छात्रों के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कराए। कागज़ों में दिखाया गया कि कई संस्थानों ने छात्रों को नौकरी दी है, जबकि हकीकत में जिन छात्रों के नाम इन दस्तावेज़ों में दर्ज हैं, उन्हें इस योजना की जानकारी तक नहीं थी।

4 दिन काम तो 1500, एक माह का 1300 रुपए

चौंकाने वाली बात यह है कि इस योजना में न तो वास्तविक प्लेसमेंट हुआ और न ही किसी छात्र को रोजगार का लाभ मिला। केवल फाइलों और रिपोर्टों में इसे सफल दिखाकर प्रबंधन ने फर्जीवाड़ा कर दिया। जो दस्तावेज नैक में स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना के तहत लगाए गए हैं, उनमें किसी को 4 दिन काम करने पर 1500 रुपए मिला तो किसी को 1 माह काम करने पर मात्र 1300 रुपए पारिश्रमिक दिया गया।

जिन फर्मों के दस्तावेज उन्हें जानकारी ही नहीं

नैक निरीक्षण के दौरान सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना में काम करने के बदले छात्रों को जो नियुक्ति प्रमाण पत्र दिए हैं, उन फर्मों के संचालकों से बात की गई तो उन्होंने फर्म का नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहा कि दो-चार दिन का एक्सपीरियंस हम नहीं बनाते हैं। किसी को नौकरी पर रखना होता है तो दो-चार माह रखते हैं। हमारे पास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों को प्लेसमेंट या अन्य माध्यम से नौकरी पर रखने संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं है। हमने अपने फर्म के इनकम टैक्स रिटर्न में भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है।

छात्र बोले- न आवेदन किया, न नौकरी मिली और न स्टाइपेंड

नैक ग्रेडिंग के दौरान जो दस्तावेज लगाए गए हैं उनमें ज्यादातर छात्र यूजी के आखिरी वर्ष की पढ़ाई करने वाले हैं। पत्रिका टीम ने कई छात्रों से संपर्क कर इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने न तो आवेदन किया, न नौकरी मिली और न ही कोई स्टाइपेंड मिला।

मामले की जानकारी ली जाएगी

Central University: प्रो. मनीष श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी, जीजीयू: इस आशय की कोई सूचना या शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है। तथापि मामले की जानकारी ली जाएगी। विश्वविद्यालय छात्रों के हितों और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है।