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छत्तीसगढ़ मंत्रीमंडल विस्तार पर लगी याचिका, हाईकोर्ट में स्थगित हुई सुनवाई

CG cabinet expansion: याचिका में बताया गया है कि मंत्रिमंडल के सदस्यों के अनुपात में नियमों के अनुसार केवल 13 मंत्री हो सकते हैं।

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छत्तीसगढ़ मंत्रीमंडल विस्तार पर लगी याचिका (Photo source- Patrika)

छत्तीसगढ़ मंत्रीमंडल विस्तार पर लगी याचिका (Photo source- Patrika)

CG cabinet expansion: छत्तीसगढ़ सरकार में 14 मंत्री बनाए जाने को लेकर लगी जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।सरकारी वकील ने मध्यप्रदेश की ऐसी ही याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की जानकारी दी। याचिकाकर्ता की ओर से इस पर वर्तमान स्थिति की जानकारी प्रस्तुत करने समय मांगने पर हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह बाद सुनवाई तय की है।

CG cabinet expansion: अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद…

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा है इसलिए वहां के फैसले का इंतजार करना उचित होगा। इससे फिर कोई विवाद ही नहीं रहेगा। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दो सप्ताह में हम सुप्रीम कोर्ट से उस मामले का डिसीजन या कोई दिशा निर्देश ले आते हैं, तब तक याचिका खारिज न की जाए।

हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर याचिकाकर्ता को समय देते हुए अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद रखी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इस पर आपत्ति की और कहा कि एमपी में नई सरकार आने के बाद वह मामला इन्फ्रकचस (निरर्थक) हो गया है। शासन की ओर से बताया गया कि उक्त मामला लंबित है।

एमपी की शिवराज सरकार का मामला है सुप्रीम कोर्ट में

सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से अधिवक्ताओं ने बताया कि मंत्रिमंडल की सीमा तय करने से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है जिसमें अनुच्छेद 164 (1 ए) की व्याख्या होनी है। यह मामला मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह कैबिनेट का था जिसमें मंत्रिमंडल की न्यूनतम और अधिकतम सीमा के लिए भी याचिका लगी हुई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में लगे केस की कॉपी भी छत्तीसगढ़ सरकार के अधिवक्ताओं ने कोर्ट के समक्ष जमा की। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित है तो वहीं से डिसाइड होना चाहिए।

विधानसभा सीटों की तुलना हो सकते हैं 13 मंत्री

CG cabinet expansion: कांग्रेस के पूर्व सदस्य, वर्तमान में सामाजिक कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती ने प्रदेश के मंत्रिमंडल में 14 मंत्री बनाए जाने को असंवैधानिक बताते हुए याचिका दायर की है। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री समेत सभी 14 मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया। याचिका में बताया गया है कि मंत्रिमंडल के सदस्यों के अनुपात में नियमों के अनुसार केवल 13 मंत्री हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों की तुलना में 13 मंत्री ही हो सकते हैं। 14 मंत्री बनने पर 15 प्रतिशत की सीमा क्रॉस कर गई है। यह संविधान के अनुच्छेद 164(1) का उल्लंघन है।