CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयू) बिलासपुर में एनएसएस शिविर के दौरान छात्रों को कथित रूप से जबरन नमाज़ पढ़ाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन की चुप्पी पर अब सवाल उठने लगे हैं। तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर सौंप दी थी, लेकिन घटना के 65 दिन बाद भी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक शिवतराई (कोटा) में आयोजित एनएसएस शिविर में भाग लेने गए 155 हिंदू छात्रों ने जबरन नमाज़ पढ़वाने का आरोप लगाया था। इसके विरोध में 16 अप्रैल को छात्रों ने कोनी थाने में लिखित शिकायत दी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
प्रबंधन ने जांच के लिए प्रो. विशन सिंह राठौर, प्रो. बी.आर. रावटे और प्रो. भारती अहिरवार की तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की थी। प्रबंधन ने जांच कमेटी को 72 घंटे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट 65 दिन बाद भी सार्वजनिक नहीं किया गया है। ऐसे में छात्रों में आक्रोश है। उनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस ने संबंधित मामले में कार्रवाई करते हुए एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. दिलीप झा समेत 8 लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया। इनमें डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और छात्र आयुष्मान चौधरी शामिल हैं। प्रो. दिलीप झा को पुलिस ने गिरफ़्तार भी किया था, लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें ज़मानत मिल गई।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी मीडिया प्रभारी एम.एन. त्रिपाठी ने कहा की एनएसएस कैंप में नमाज़ पढ़ाने वाले मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट अब तक नहीं मिल पाई है। उच्च स्तर पर रिपोर्ट है। उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसका पता लगाकर ही कुछ जानकारी दी जा सकती है।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य बी.आर. रावटे ने कहा की नमाज़ मामले में जांच के दौरान सभी छात्र-छात्राओं से बयान लिया गया। जब ये कमेटी बनी थी उसी दौरान कुछ दिनों में ही जांच को पूरा कर उसकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी प्रबंधन को सौंप दी गई है। अब रिपोर्ट में क्या है ये प्रबंधन ही स्पष्ट रूप से बताएंगे।
Published on:
21 Jun 2025 09:16 am