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Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान कार्ड लक्ष्य से पीछे, अभी 1.57 लाख लोगों को इंतजार

Ayushman Bharat Yojana: महासमुंद जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक जिले में 9 लाख 93 हजार (86 फीसदी) लोगों के ही कार्ड बन पाए हैं।

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Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान कार्ड लक्ष्य से पीछे, अभी 1.57 लाख लोगों को इंतजार(photo-unsplash)

Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान कार्ड लक्ष्य से पीछे, अभी 1.57 लाख लोगों को इंतजार(photo-unsplash)

Ayushman Bharat Yojana: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक जिले में 9 लाख 93 हजार (86 फीसदी) लोगों के ही कार्ड बन पाए हैं। शिविर भी लगाए जा रहे हैं। बावजूद इसके लोग कार्ड बनाने आगे नहीं आ रहे हैं। एक दिन पूर्व ही कलेक्टर ने डोर-टू-डोर सर्वे कराकर पात्र हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें: Ayushman Bharat : गरीबों की संजीवनी, आयुष्मान भारत ने बदली लाखों जिंदगियां

Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान कार्ड फैक्ट फाइल

आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2018 में की गई थी। 11 लाख 50 हजार 361 कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था। सात वर्षों में 86 फीसदी ही कार्ड बन पाए हैं। अभी भी एक लाख 57 हजार पात्र हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनना शेष है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आयुष्मान मित्र भी बनाए गए हैं, जो निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बनाते हैं।

आयुष्मान योजना के तहत बच्चों का कार्ड बनाने के लिए भी शिविर लगाए गए थे। इसके बाद भी डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने कार्ड नहीं बनवाए हैं। संख्या कम होने के कारण अब शिविर लगाने की बजाय अब डोर-टू-डोर सर्वे पर ही फोकस किया जा रहा है। आयुष्मान योजना के प्रभारी ओपी धुरंधर ने बताया कि 14 फीसदी लोगों का कार्ड बनना है। जिससे लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा। लोग निजी अस्पतालों में भी कार्ड बनवा सकते हैं।

जांच कराने में होते हैं मरीजों के पैसे खर्च

ज्यादातर मरीजों के पैसे सिटी स्कैन, एमआरआई व सोनोग्राफी जांच में ही ज्यादा खर्च होते हैं और जांच में आयुष्मान की सुविधा नहीं मिलती है। सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी के लिए वेटिंग मिलती है और निजी अस्पतालों में महंगे निर्धारित दर पर जांच करानी पड़ती है। इसके अलावा कई बार मरीजों को एमआरआई कराने कह दिया जाता है। जिला मुख्यालय में इसकी सुविधा ही नहीं है। लोगों को रायपुर जाना पड़ता है। आयुष्मान कार्ड से जांच नहीं हो पाती है।

जिले में 22 अस्पताल संबद्ध

जिले में 36 शासकीय अस्पताल और 22 निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत उपचार कराया जा सकता है। वहीं कई मरीजों को राजधानी रेफर कर दिया जाता है। आयुष्मान योजना के तहत कई गंभीर मरीजों में भी उपचार की सुविधा रहती है। निजी अस्पतालों में भी लोग आयुष्मान कार्ड राशनकार्ड के माध्यम से बना सकते हैं। मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल समेत सीएचसी में नि:शुल्क इलाज हो रहा है।

घोषणाओं पर नहीं हुआ अमल

बीजेपी सरकार ने सरकार बनने के पूर्व घोषणाएं की थी गरीबों को 10 लाख तक उपचार मिलेगा, लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद घोषणाओं पर अमल नहीं हुआ है। वर्तमान में बीपीएल कार्डधारियों को पांच लाख रुपए और एपीएल कार्डधारियों को 50 हजार का उपचार मिल रहा है। कई बार लोगों को भटकना पड़ता है, क्योंकि कई बड़े निजी अस्पतालों में सुविधा नहीं मिल पाती है।

ब्लॉक लक्ष्य बने शेष

महासमुन्द 283346 2424741069

बागबेरा 227473193720 33753

पिथौरा 240894 207963 32931

बसना 195890 17144 24746

सरायपाली 4854 17153 30701

तुमगांव 7904 7006 898

कुल 1150361 993263 157098