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शराब घोटाले में कवासी लखमा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, 64 करोड़ रुपए मिलने का दावा… जानें पूरा मामला

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ो के शराब घोटाला प्रकरण में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई।

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हाईकोर्ट (photo Patrika)

हाईकोर्ट (photo Patrika)

CG High Court: छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ो के शराब घोटाला प्रकरण में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया। प्रकरण की सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में हुई। लखमा की ओर से तर्क दिया गया कि साल 2024 में केस दर्ज किया गया था, जिसमें डेढ़ साल बाद गिरफ्तारी की गई, जो गलत है। इस दौरान लखमा का कभी पक्ष ही नहीं लिया गया।

घोटाले में लखमा को 64 करोड़ रुपए मिलने का दावा

मामले की जांच में अबतक यह पता चला है कि पूर्व मंत्री लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित घोटाला किया गया। घोटाले से हासिल की गई ६४ करोड़ रुपए की रकम को व्यक्तिगत और परिवार के हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अत्यधिक और अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। अब तक तीन पूरक सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं।

इस तरह किया गया घोटाला

तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और मुख्यमंत्री सचिवालय की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है।

इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ईडी ने 18 नवंबर, 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत चार्जशीट में दी थी।