
Flight Bilaspur: बिलासपुर बिलासा दाई एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग का काम केंद्र और राज्य सरकार के बीच अटक गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सैटेलाइट पर आधारित तकनीक का उपयोग करने के लिए केंद्र शासन के समक्ष आवेदन किया गया है। लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। इस कारण नाइट लैंडिंग अब तक अधर में है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के संस्थान डीजीसीए और अलायंस एयर दोनों ही पहले से चली आ रही तकनीक के पक्षधर हैं। एयरक्राट लाइंग के नियम कानून के मुताबिक जब तक डीजीसीए इस तकनीक के उपयोग की मंजूरी नहीं देगा तब तक बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग का काम आगे नहीं बढ़ेगा।
इस मामले में हाईकोर्ट में पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा नाइट लैंडिंग के लिए सैटेलाइट तकनीक के लिए पहला पत्र 17 जनवरी 2014 को लिखा गया, और दूसरा पत्र 29 अप्रैल 2024 को। दोनों ही पत्रों का कोई जवाब केंद्र सरकार या डीजीसीए द्वारा नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने इस मसले को शीघ्र सुलझाने के लिए केंद्र सरकार से मांग की कि या तो वो छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे या फिर उसे निरस्त कर पुरानी तकनीक के ही उपयोग के निर्देश दे। क्योंकि ऐसा होने पर ही एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग का काम तुरंत हो पायेगा।
कोर्ट में एविएशन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर पंकज जायसवाल और बिलासपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर एन विरेन सिंह ने बताया है कि राज्य सरकार ने नाइट लैंडिग के लिए केन्द्र सरकार के डीजीसीए से सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करने की अनुमति मांगी है। केन्द्र सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिल सका है। इस कारण काम पिछड़ रहा है। इसे रिकार्ड में लेते हुए हाईकोर्ट ने डीजीसीए और केन्द्र सरकार से इस पर जवाब मांगा। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह केन्द्र को लिखे हुए दोनों पत्र हाईकोर्ट में प्रस्तुत करें।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति और याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव की तरफ से बिलासपुर एयरपोर्ट से सप्ताह में पांच दिन कोई उड़ान ना होने पर गहरी चिंता जताते हुए कहा गया है कि कायदे से सप्ताह में सातों दिन उड़ान होने की बात तय हुई थी इसमें से तीन दिन दिल्ली सीधी उड़ान और बाकी चार दिन वाया रुक कर लाइट की बात थी। राज्य शासन का एमओयू भी इसी के तहत हुआ है, परन्तु बिलासपुर दिल्ली वाया जबलपुर और प्रयागराज रूट पर लाइट बंद कर दी गई है। इन मार्गों पर क्रमश: 50 और 60 यात्री प्रति उड़ान मार्च के महीने में यात्रा कर चुके हैं जबकि कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही थी। नए एमओयू के अनुसार केवल मंगलवार और गुरुवार ही दिल्ली की उड़ान उपलब्ध हैं, जबकि पहले सातों दिन बिलासपुर दिल्ली के बीच लाइट उपलब्ध थी।
नाइट लैंडिंग की सेटेलाइट तकनीक के लिए आवेदन किया गया है। इस पर केंद्र सरकार ने कुछ जानकारियां मांगी हैं, जो भेजी जा रही हैं। इसके बाद इस दिशा में काम आगे बढ़ने की संभावना है।
Published on:
14 May 2024 06:09 pm
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