
हाईकोर्ट (Photo Patrika)
CG High Court: कोनी रोड आईटीआई बाउंड्री से लगे सड़क किनारे वर्षों से व्यवसाय कर रहे व्यापारियों को नगर निगम प्रबंधन ने हाल ही में अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी कर दिया, जबकि इस मामले में पहले से ही हाईकोर्ट की रोक लगी हुई है। इस कदम से नाराज कोनी व्यापारी कल्याण संघ ने पुन: अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां न्यायालय ने निगम को कड़ी फटकार लगाई और नोटिस के प्रभाव पर रोक लगा दी।
कोनी मुख्य मार्ग पर शासकीय भूमि में दर्जनों दुकानदार लंबे समय से व्यापार कर रहे हैं। निगम ने पहले भी इन्हें हटाने की कार्रवाई की थी, लेकिन व्यापारी संघ ने 2023 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। 16 फरवरी 2024 को अदालत ने 29 दिसंबर 2023 के नोटिस पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया था कि मामले के अंतिम निपटारे तक निगम कोई कार्रवाई न करे। इसके बावजूद, निगम के जोन क्रमांक 8 के कमिश्नर ने 6 अगस्त 2025 को नया नोटिस जारी करते हुए सात दिनों में दुकान खाली करने का आदेश दे दिया।
13 अगस्त 2025 को न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील हर्षल चौहान ने दलील दी कि अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद निगम की यह कार्रवाई अवमानना के समान है। निगम की ओर से पैरवी कर रहे वकील एस.एस. बघेल ने माना कि यह नगर निगम की ओर से हुई एक वास्तविक गलती है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। अदालत ने नगर निगम से दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया, अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की गई है।
इस फैसले से कोनी के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है, लेकिन साथ ही निगम की जल्दबाजी और कोर्ट आदेश की अवहेलना पर सवाल भी खड़े हो गए हैं। संजय साहू सहित अन्य व्यापारियों का कहना है कि निगम को पहले कोर्ट के आदेश का सम्मान करना चाहिए, न कि अनावश्यक दबाव बनाना चाहिए। निगम ने पहले भी आश्वासन दिया था कि कोनी थाने के पीछे खाली जमीन में व्यापारियों को जगह दी जाएगी।
Published on:
15 Aug 2025 11:06 am
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