
हाईकोर्ट (photo Patrika)
CG High Court: प्रदेश भर की खस्ताहाल सड़कों के निर्माण और मरम्मत में देर पर नाराज हाईकोर्ट ने शासन से कहा कि व्यवस्था में सुधार होने चाहिए। अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि सड़क बनाने से टेक्निकल जांच, टेंडर और वर्क आर्डर में काफी समय बरबाद किया जाता है। यह सही नहीं है।
प्रदेश की खराब सड़कों के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में मंगलवार को सुनवाई के दौरान शासन ने कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया। इसमें बताया गया कि रतनपुर-सेंदरी रोड का काम लगभग पूरा हो गया है। रायपुर रोड की सड़क 70 प्रतिशत बना ली गई है। इसे अगले 15 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) की तरफ से भी सड़कों के जल्द पूरे होने की बात कही गई।
सुनवाई के दौरान लोक निर्माण विभाग (PWD) की ओर से बताया गया कि तुर्काडीह, सेंदरी, रानीगांव, मलनाडीह और बेलतरा में पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए फुट ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। पहले की अनुमानित लागत 17.95 करोड़ थी, जो अब घटकर 11.38 करोड़ हो गई है। निर्माण स्थल की संयुक्त जांच हो चुकी है। टेंडर प्रक्रिया होते ही निर्माण कार्य गुरू होगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल में स्वीकृत हो चुका है, लेकिन आज तक कोई प्रगति नहीं हुई।
बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे एनएच 90 की बदहाली को लेकर कोर्ट ने पूछा कि बिलासपुर- रायपुर नेशनल हाईवे की सड़क कब तक सुधरेगी। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठाना और लोक निर्माण विभाग (PWD) का मौन रहना चिंताजनक है। हाईकोर्ट ने कहा कि बार-बार दिए जा रहे शपथ पत्रों से उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं। रतनपुर केंदा मार्ग की बदहाली के मामले में हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी सेेकेट्ररी को शपथ पत्र प्रस्तुत करने कहा है। इसी तरह रायपुर बिलासपुर मुख्य सड़क पर पावर प्लांटों की राख फैलने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और मुख्य सचिव से जवाब मांगा।
Updated on:
27 Sept 2025 12:24 pm
Published on:
24 Sept 2025 10:47 am
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