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October Festivals 2024: त्योहारों की धूम… कब है दिवाली, दशहरा और करवा चौथ? यहां देखें पूरी List

October 2024 Festival List: अक्टूबर 2024 महीने की शुरुआत सर्वपितृ अमावस्या और शारदीय नवरात्रि से हो रही है और इस महीने का अंत दिवाली के साथ हो रहा है। अक्टूबर के महीने में एक के बाद एक कई व्रत त्योहार मनाए जाएंगे।

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October 2024 Festivals Calendar

October Festivals 2024: अक्टूबर में हर तरफ त्योहारों का उल्लास छाएगा। तीन अक्टूबर से मां दुर्गा की नौ दिनी अराधना शुरू होगी। दशहरा पर रावण दहन की धूम पूरे शहर में छाएगी। करवा चौथ, पुष्य नक्षत्र और शरद पूर्णिमा भी आ रही है। दीपपर्व की रौनक भी होगी। धनतेरस, रूप चतुर्दशी और दीपावली भी इस माह आ रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया, अश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर को गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में कलश स्थापना के साथ मां अबे की आराधा शुरू होगी। इसके साथ ही मनोकामना ज्योत प्रज्वलित किए जाएंगे। गुरुवार को हस्त नक्षत्र का योग अच्छा माना जाता है। गुरु ज्ञान, समृद्धि, दीर्घायु का कारक ग्रह है, साथ ही जिन दंपतियों को संतान की प्राप्ति नहीं हो पाती है वह इस दिन विशेष संकल्प के माध्यम से माता की आराधना करें।

अवस्थी ने बताया, देवी भागवत महापुराण के अनुसार ज्ञान, बुद्धि, शक्ति, ऊर्जा को प्रदान करने वाली आदि शक्ति की उपासना सभी प्रकार के उद्देश्यों को पूर्ण करने वाली मानी जाती है। विद्यार्थी हों (October Festivals 2024) व्यापारी हों या कर्मचारी हो इन सभी को अपने शारीरिक, मानसिक बौद्धिक स्थिति के अनुसार उपासना करनी चाहिए।

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October Festivals 2024: ये हैं खास दिन

3 अक्टूबर : नवरात्र प्रारंभ, अग्रसेन जयंती
5 अक्टूबर : रानी दुर्गावती जयंती
8 अक्टूबर : वायुसेना दिवस
11 अक्टूबर : नवमी, ज्वारे विसर्जन
12 अक्टूबर : दशहरा
15 अक्टूबर : डॉ. अब्दुल कलाम जयंती
17 अक्टूबर : शरद पूर्णिमा, वाल्मिकी जयंती
20 अक्टूबर : करवा चौथ
24 अक्टूबर : पुष्य नक्षत्र
29 अक्टूबर : धनतेरस
30 अक्टूबर : रूप चतुर्दशी
31 अक्टूबर/01 नवंबर : दीपावली

सर्वपितृ अमावस्या पर किया पिंडदान

अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या सर्वपितृ अमावस्या कहलाती है। श्रद्धालुओं ने पितरों को तील, अक्षत सहित अंजलिभर जल अर्पित किया। फिर विशेष पकवान बनाकर पितरों को समर्पित किया। इसी क्रम में पितरों को पिण्डदान कर परिवार के कुशल मंगल की पितरों से मंगल कामना की गई। पंडित जागेश्वर अवस्थी ने बताया, पौराणिक मान्यता के अनुसार इस योग में पितरों का पूजन कई गुना पुण्य फल प्रदान करता है।


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