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सड़क हादसा होने पर लोग बनाते हैं वीडियो, कुछ ही करते है मदद….अब पुलिस चला रही गुड सेमेरिटन योजना

Bilaspur News: सड़क हादसों में घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचा कर उनकी सहायता करने की जगह अधिकांश लोग वीडियो बना कर शेयर करते हैं।

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People make videos when there is a road accident

सड़क हादसा होने पर लोग बनाते हैं वीडियो

Chhattisgarh News: बिलासपुर। सड़क हादसों में घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचा कर उनकी सहायता करने की जगह अधिकांश लोग वीडियो बना कर शेयर करते हैं। जबकि वीडियो शेयर करने की जगह घायल की सहायता के लिए टोल फ्री नम्बर या अपने साधन से उन्हें हॉस्पिटल ले जाएं तो जान बचाई जा सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ज्यादातर लोग पुलिसिया कार्रवाई के डर से न तो घायलों की मदद कर रहे और न ही मामले में पुलिस की सहायता कर रहे।

इस मामले के संदर्भ में पत्रिका टीम ने शहर के युवाओं व जिला सेफ्टी सेल अधिकारी से परिचर्चा की। इसमें दो बातें सामने आईं। पहली ये कि वीडियो बनाने की जगह अगर घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले जाएं तो गंभीर व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

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दूसरी ओर यह बात भी सामने आई कि उनके शेयर वीडियो को पुलिस देख लेगी और घायल की मदद हो जाएगी। इससे वे भी किसी पचड़े में फंसने से बच जाएंगे। लोगों को इसके लिए सामने आना चाहिए।

हर वर्ष जिले में 1 हजार से अधिक दुर्घटनाएं...

आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में हर साल दुर्घटना का ग्राफ औसतन 1 हजार है। इसमें घायलों की मदद करने वाले 20 से 50 के बीच ही मिल रहे हैं। यह स्थित तब है, जब मदद करनेवालों को पुलिस पुरस्कार दे रही है।

सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि वीडियो बना कर उसे अपलोड करना। अगर घायल को नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं तो उसे बचाया जा सकता है। - सूरज सिंह, छात्र एयू

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सड़क दुर्घटना में घायल होने वालों का वीडियो बनाने की जगह शासन द्वारा जारी टोल फ्री नम्बर पर फोन कर दें तो शायद उस घायल की जान बच सकती है। अधिकांश लोग पुलिसिया कार्रवाई के झमेले में न पड़ें, यह सोच कर मदद नहीं करते हैं। - सूर्यकांत यादव, छात्र यूपीएसपी

टॉपिक एक्सपर्ट

सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने पर पुलिस पहले जांच को पूरा करने के लिए सवाल करती थी, अब वैसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि घायलों को उपचार के लिए जो भी लेकर पहुंचे, पुलिस उससे कोई सवाल नहीं करेगी। पुलिस गुड सेमेरिटन योजना चला रही है, घायलों की सहायता करने वालों को पुलिस पुरस्कार देकर सम्मानित करती है। लोगों से अपील है कि वीडियो बनाने की जगह लोग घायलों की मदद करें। - यूएस पांडेय, जिला सेफ्टी सेल अधिकारी

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