14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG High Court: रविवि के प्रभारी कुलसचिव की याचिका खारिज, पद के योग्य नहीं पाया, पीएससी से हुआ था चयन

CG High Court: कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कुलसचिव पद के लिए आवश्यक अनुभव के संबंध में अपेक्षित योग्यता पूरी नहीं कर पा रहा है।

2 min read
Google source verification
हाईकोर्ट (photo Unsplash images)

हाईकोर्ट (photo Unsplash images)

CG High Court: हाईकोर्ट ने रविशंकर विवि के प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कुलसचिव पद के लिए आवश्यक अनुभव के संबंध में अपेक्षित योग्यता पूरी नहीं कर पा रहा है। इसलिए उसे रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।

यह भी पढ़ें: CGPSC Exam 2025: 12 केंद्रों में 3595 अभ्यर्थी देंगे पीएससी की परीक्षा, 9 फरवरी होगा आयोजित..

रविशंकर विवि के प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल पीएससी परीक्षा के माध्यम से कुलसचिव के पद पर चयनित हुए थे। विवि में ही पदस्थापना नहीं करने पर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्णय के बाद उन्हें उच्च शिक्षा संचालनालय में भेज दिया गया। इसके बाद शासन ने डिवीजन बेंच में अपील की। डीबी ने उच्च शिक्षा विभाग को दोनों मामलों का विधिवत निराकरण करने का निर्देश दिया।

इस बीच विधिवत रजिस्ट्रार पद नहीं दिए जाने पर पटेल ने हाईकोर्ट में दो अलग अलग रिट पिटीशन 2022 और 2023 में लगाई। इन दोनों पर एक साथ सुनवाई चल रही थी। 6 मार्च को हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। कल 22 मई को इसे जारी किया गया। जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई।

कोर्ट ने अपने आदेश में ये कहा

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य या उसके विभाग चयनित उम्मीदवार को मनमाने ढंग से नियुक्ति से इनकार नहीं कर सकते। इसलिए, जब चयनित उम्मीदवार को नियुक्ति से इनकार करने के संबंध में राज्य की कार्रवाई को चुनौती दी जाती है, तो राज्य पर अपने निर्णय को उचित ठहराने का भार होता है। मान्य कानून है कि कोई भी उम्मीदवार जिसने किसी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की है। भले ही वह उक्त पद के लिए चयनित हो जाए, तो उसे उक्त पद पर नियुक्ति पाने का कोई अधिकार नहीं मिलेगा।

ऐसे कई पहलू हैं जिनके आधार पर किसी व्यक्ति को उसके चयन के बाद भी नियुक्ति से वंचित किया जा सकता है। मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उमेश कुमार व तेज प्रकाश पाठक के मामलों में निर्णयों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता अनुभव के संबंध में अपेक्षित योग्यता को पूरा नहीं कर रहा है, इसलिए उसे विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।