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CG High Court: नान घोटाले में सीबीआई जांच की याचिकाएं निराकृत, न्यायालय में किया जा सकेगा आवेदन

CG High Court: सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण करीब 4 साल से यहां सुनवाई नहीं हो पा रही थी। सितंबर में सुप्रीम कोर्ट से सभी मामलों का निराकरण होने के बाद आज हाईकोर्ट में संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई हुई।

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Photo Patrika)

CG High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2015 के चर्चित नान घोटाले की सीबीआई जांच कराने संबंधी याचिकाओं को शुक्रवार को निराकृत कर दिया। जिन लोगों की नान घोटाले में भूमिका होने के बाद भी एसीबी ने चालान नहीं किया उनके खिलाफ विचारण न्यायालय में आवेदन लगाया जा सकेगा।

अन्य ऐसी याचिकाएं जिनमें अधिवक्ता या याचिकाकर्ता उपस्थित नहीं हुए उन्हें कोर्ट ने डिसमिस कर दिया और धरमलाल कौशिक के द्वारा एसआईटी जांच के खिलाफ लगाई गई याचिका को वापस लेने की अनुमति दी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस पीपी साहू की विशेष खंडपीठ ने नान घोटाले से जुड़ी 8 याचिकाओं पर सुनवाई की। इसी मामले से संबंधित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण करीब 4 साल से यहां सुनवाई नहीं हो पा रही थी। सितंबर में सुप्रीम कोर्ट से सभी मामलों का निराकरण होने के बाद आज हाईकोर्ट में संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई हुई।

तीन याचिकाकर्ताओं के वकील उपस्थित

सुनवाई के दौरान हमर संगवारी एनजीओ और सुदीप श्रीवास्तव अधिवक्ता द्वारा लगाई दो याचिकाओं में ही अधिवक्ता या याचिकाकर्ता ही उपस्थित हैं। वहीं भाजपा नेता धरमलाल कौशिक की ओर से अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय उपस्थित थे। राज्य सरकार की ओर से वर्चुअली दिल्ली जुड़े अधिवक्ता अतुल झा ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में ट्रायल कोर्ट में 170 गवाहों की गवाही हो चुकी है और मामला अंतिम चरण की ओर है।

निचली अदालत से भी मिल सकती है राहत

कोर्ट के सवाल पर अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि जिन व्यक्तियों का चालान हुआ है या जिनका विचारण चल रहा है उस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है बल्कि वे उसका समर्थन करते हैं। एसीबी ने अपनी जांच में बहुत सारे लोगों को छोड़ दिया है और सीधा रोल होने और पैसे लेने के बावजूद अभियुक्त नहीं बनाया है। यहां तक कि जहरीला नमक सप्लाई करने वाले अभियुक्त मुनीश कुमार शाह की अब तक गिरफ्तारी भी नहीं की गई है।

एसीबी की जांच आधी अधूरी है अत: उनकी याचिका इस जांच को सीबीआई को देकर इन सभी व्यक्तियों के ऊपर भी कार्यवाही के लिए है। कोर्ट ने कहा कि यह मांग तो विचारण न्यायालय में धारा 319 का आवेदन लगाकर भी पूरी की जा सकती है। कोर्ट ने मामला 10 साल से अधिक पुराना होने के कारण अब जांच एजेंसी बदलने की मांग उचित न पाकर सभी जनहित याचिकाओं को निराकृत या खारिज कर दिया।

यह है नान घोटाला

एसीबी की चार्जशीट के अनुसार नागरिक आपूर्ति निगम (नान) पर यह जिम्मेदारी थी कि वह छत्तीसगढ़ में राशन वितरण एवं साथ ही साथ अन्य सामानों का वितरण करे। 2011 की जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में 55 लाख परिवार होने के बावजूद 70 लाख राशन कार्ड बनाए जाने और उसके माध्यम से हजारों करोड़ों के राशन की अफरा तफरी करने के आरोप है। आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को नान घोटाले में गिरफ्तार भी किया गया है।