जिसके बाद अगले कुछ महीने उनका जीवन अस्पताल के चक्कर काटते हुए बीता। इस विपरीत परिस्थिति को भी उन्होंने अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अपने सपनों को जीने की ठानी। उपचार के दौरान ही उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो बना कर उपलोड करना शुरू किया। देखते ही देखते उनके बनाए कंटेंट वायरल होते चले गए। वह अब भी चाहते हैं कि लोग उन्हें उनकी कमजोरियों की वजह से नहीं, बल्कि उनकी कंटेंट की वजह से जानें, जिसके लिए वह जी-तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो युवा ब्लॉगिंग के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं निरंतरता और धैर्य के साथ अपने कंटेंट में लगातार सुधार करते जाएं।
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समाज में गलत संदेश नहीं देना चाहता
रवि का कहना कि उन्हें ढेरों तरह के ऑनलाइन बैटिंग प्लेटफॉर्स के विज्ञापन करने के ऑफर मिलते हैं लेकिन वह इसे ठुकरा देते हैं क्याेंकि वह समाज में जुए को प्रमोट नहीं चाहते हैं। जुआ सामाजिक बुराई है और यह मुयत:गरीब परिवारों को ही प्रभावित करती है। सभी सोशल मीडिया इन्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर्स को भी इस तरह के विज्ञापन करने से बचना चाहिए।
लोगों से नहीं मिलता था सपोर्ट
रवि ने बताया कि जब उन्होंने अपने ब्लॉगर जर्नी की शुरुआत की थी तब लोगों से बातें सुननी पड़ती थी। वह बताते हैं कि लोग उनका मजाक भी उड़ाया करते थे। लेकिन वह लोगों की बातों को नजरअंदाज करते हुए लगातार अपने क्रिएटिविटी पर काम करते चले गए। वह बताते हैं कि उन्होंने अपने काम पर ध्यान दिया समस्याओं पर नहीं, यही वजह थी कि एक साल में ही उन्होंने एक लाख फॉलोवर बना लिए।
एक लाख से अधिक फॉलोवर
रवि ने बताया कि जब उनका ट्रेन एक्सीडेंट हुआ तो वह करीब दो महीने तक हॉस्पिटल मे थे। उसके बाद घर पर रह कर ही अपना इलाज कराया और घर पर रहते उन्होंने सोशल मीडिया पर बहुत समय बिताया। रिकवरी के दौरान वह कहीं भी आने जाने में असमर्थ थे उनके लिए सोशल मीडिया ही एक सहारा था। जिस पर उन्होंने सोचा कि क्यों ना लोगों तक सोशल मीडिया के जरिये पहुंचा जाए। जिसके बाद उन्होंने खुद वीडियो बनाना शुरू किया और बहुत जल्द लोगों का प्यार और सहयोग देखने को भी मिला और देखते ही देखते उनके 1 लाख से अधिक फॉलोवर हो गए।