
हाईकोर्ट (patrika Media library)
CG News: जिला न्यायालय के भृत्य को अपनी शादी के लिए अवकाश लेना महंगा पड़ गया। वापस आने के बाद उसको बर्खास्त कर दिया गया। 9 साल बाद उसको न्याय मिला। हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश रद्द कर सभी देयकों समेत सेवा में वापस लेने का आदेश जारी किया। बता दें कि राजेश देशमुख जिला कोर्ट बालोद में परीवीक्षा अवधि में भृत्य था। उसने वर्ष 2016 में अपनी शादी के लिए 7 दिन का अवकाश लिया। 10 दिन बाद काम पर वापस आया तो देर से लौटने की वजह से उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
विभाग ने आरोप लगाया कि उसने अनाधिकृत रूप से अवकाश लिया है। मुख्यालय से जो नोटिस जारी हुआ उसका याचिकाकर्ता ने जवाब भी दिया। लेकिन विभाग ने इस पर भी असंतोष जताते हुए सेवा से हटा दिया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने देशमुख को 50 प्रतिशत पिछले वेतन के साथ सेवा में वापस लेने का निर्देश जिला न्यायालय बालोद को दिया। इस आदेश की प्रति ले जाने पर जिला सत्र न्यायाधीश बालोद ने याचिकाकर्ता की तुरंत ज्वाइनिंग करा दी।
आरोपों की जांच और सुनवाई जरूरी
पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले की जस्टिस संजय श्याम अग्रवाल की बेंच में सुनवाई हुई। याचिककर्ता की ओर से उसके अधिवक्ता ने तर्क दिया कि सिर्फ प्रोबेशन में रहने के कारण कर्मचारी को सेवा से हटाया नहीं जा सकता। परिवीक्षा अवधि में रहने पर भी आरोप की विस्तृत जांच की जानी थी। बिना जांच के पद से हटाया नहीं जा सकता।
Updated on:
23 May 2025 07:55 am
Published on:
23 May 2025 07:54 am
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