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पितरों की विदाई के साथ आज शनिदेव का होगा तेलाभिषेक

Bilaspur News: सर्वपितृ अमावस्या पर शनिवार को विधि-विधान से सभी पितरों का श्राद्ध-तर्पण कर विदाई दी जाएगी।

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Telabhishek of Shani Dev will be held today with the farewell of ancestors.

पितरों की विदाई के साथ आज शनिदेव का होगा तेलाभिषेक

बिलासपुर। Chhattisgarh News: सर्वपितृ अमावस्या पर शनिवार को विधि-विधान से सभी पितरों का श्राद्ध-तर्पण कर विदाई दी जाएगी। पंडितों के अनुसार सनातन संस्कृति में सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व है। अगर कोई किसी कारणवश तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान करना भूल जाता है तो मोक्षदायिनी सर्वपितृ अमावस्या के दिन कर सकता है। इस दिन पवित्र नदियों, जलाशय में स्नान कर जल, तिल में सफेद फूल, कुशा के साथ तर्पण कर पितरों को जलांजलि देना विशेष फलदायी होता है।

कौओं की रहेगी विशेष पूछपरख

मोक्षदायिनी अमावस्या के दिन शनिचरी अमावस्या के साथ साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी पड़ने जा रहा है। यह कंकण सूर्यग्रहण होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इससे यहां सूतक पातक, स्नान, दान, पुण्य, मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 अक्टूबर की रात 8.34 बजे से मध्य रात्रि 2.25 बजे के बीच होगा। यह ग्रहण भारत में किसी भी स्थान पर दिखाई नहीं देगा। इधर शनिचरी अमावस्या होने से शहर के शनि मंदिरों पर शनिदेव का तेलाभिषेक किया जाएगा। श्रद्धालु स्नान-दान के साथ विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। इस अवसर पर तिफरा स्थित काली मंदिर, चिल्हाटी स्थित शनि मंदिर में शनि देव की पूजा-आरती के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।

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पीपल के पूजन से पितृ होते हैं प्रसन्न...

ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित सूर्यकांत तिवारी के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन पीपल की पूजा करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं। इसके अतिरिक्त पितरों को प्रसन्न करने के लिए तांबे के बर्तन में गंगा जल, दूध, काली तिल, शहद और जौ मिलाकर पूजा करने का प्रावधान है। इसके बाद विप्रों को भोजन कराने से परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।

यहां होंगे सामूहिक तर्पण

पितृ पक्ष के अंतिम दिन किलावार्ड स्थित पचरी घाट, छठ घाट में सुबह से श्राद्ध कर्म के लिए लोगों की भीड़ उमड़ेगी। इसके अलावा तालाबों में भी लोग अपने पितरों काें श्राद्ध देंगे।

पूड़ी-बड़ा अर्पित कर दी जाएगी विदायी...

पितृ मोक्ष अमावस्या पर पितरों की विदायी बड़ा-पूड़ी का भोग अर्पित कर की जाएगी।

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इन राशियों पर पड़ेगा यह प्रभाव

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भले ही यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन लोगों पर राशि के अनुसार इसका असर देखने को मिल सकता है।

मेष: इनके लिए वैवाहिक संबंधों में तनाव हो सकता है।
वृषभ: अनायास बड़े खर्चे एवं शत्रु वर्ग से हानि हो सकती है।
तुला: इस लग्न एवं राशि के जातकों को अचानक होने वाली दुर्घटनाओं और सेहत संबंधी समस्याओं के प्रति सतर्क रहना होगा।
मिथुन: इनके प्रेम संबंधों में समस्या एवं शिक्षा में व्यवधान आ सकते हैं।
कर्क: इनके लिए मानसिक अशांति एवं पारिवारिक कलह का अंदेशा रहेगा।
सिंह: सामाजिक मान सम्मान में हानि की आशंका रहेगी। संभलकर रहें।
कन्या: पारिवारिक विघटन व क्लेश हो सकता है।
वृश्चिक: विदेश से लाभ होता दिखाई दे रहा है। हालांकि, क्रोध की अधिकता हो सकती है।
धनु: अप्रत्याशित सफलता एवं धन लाभ हो सकता है।
मकर: माता-पिता को कष्ट का अंदेशा।
कुंभ: स्वयं की गलती से भाग्य में प्रबल हानि के संकेत दिखाई दे रहे हैं।
मीन: अप्रत्याशित लाभ की स्थिति बनेगी।

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