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गुमटी वालों ने कहा-मदद की जरूरत नहीं खुद हटाएंगे दुकान, नोटिस लेने से इनकार

सीमांकन कराने से स्पष्ट हो गया कि मौर्य परिवार की नहीं बल्कि नजूल की जमीन है।

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बिलासपुर . हाईकोर्ट के आदेश के बाद सिटी कोतवाली के सामने की गुमटियों को चौपाटी शिफ्ट कराने में सहयोग करने निगम का अतिक्रमण निवारण अमला मंगलवार सुबह से डटा रहा। व्यवसायियों ने नोटिस और मदद लेने से इनकार करते हुए कहा कि हम खुद अपनी दुकान शिफ्ट कर लेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष में कुछ कहा सुनी भी हुई, लेकिन अतिक्रमण निवारण अधिकारी की समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर सिटी कोतवाली के सामने के 49 गुमटी कारोबारियों को 3 दिन के अंदर यहां से कब्जा हटाने और निगम प्रशासन को शिफ्टिंग में सहयोग देने के आदेश के परिपालन में निगम के अतिक्रमण निवारण अधिकारी अमले के साथ सुबह 10.30 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले व्यवसायियों को सूचना दी कि अमला और गाड़ी तैयार है जिन्हें अपनी दुकान शिफ्ट करना है वे मदद ले सकते हैं, जिससे यहां के व्यवसायी भड़क उठे और कहा कि आपको जितना सहयोग करना था आपने कर दिया हम अपनी दुकानें खुद ले जाएंगे, अभी तीन दिन का समय है। इसके बाद उपायुक्त मिथलेश अवस्थी के निर्देश पर कारोबारियों को नोटिस की प्रति दी गई जिसे व्यवसायियों ने लेने से इनकार कर दिया, जिससे एक बार फिर कहा सुनी की स्थिति निर्मित हो गई। अतिक्रमण निवारण अधिकारी प्रमिल कुमार शर्मा ने समझाइश देकर सभी को शांत कराया।
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IMAGE CREDIT: patrika

जगह आबंटित : व्यवसायी इस बात को लेकर बिफरे रहे कि निजी जमीन पर कैसे चले जाएं पहले जगह तो आबंटित कराएं। यदि चौपाटी की जमीन निगम या नजूल की है तो फिर चंद्रशेखर मौर्य कैसे दावा कर रहे हैं कि उनकी जमीन है। यदि निगम की जमीन है तो उपायुक्त अमले के साथ उस दिन भागे क्यों। इसके बाद निगम का अमला पूरे दिन शिफ्टिंग में सहयोग के लिए सिटी कोतवाली परिसर में ही वाहन लेकर खड़ा रहा।
जमीन पर दावा गलत : व्यापारियों का कथन और मौर्य परिवार का दावा दोनों गलत है। नजूल की जमीन है जो निगम को आबंटित की जा चुकी है, तभी तो वहां निगम ने चौपाटी विकसित कराई है। सीमांकन कराने से स्पष्ट हो गया कि मौर्य परिवार की नहीं बल्कि नजूल की जमीन है। वहां समतलीकरण और मार्र्किंग की कार्रवाई की गई है। निगम एलाट कर रहा है यदि मौर्य परिवार आपत्ति करता है तो इसका जवाब व्यापारियों को नहीं देना है। निगम प्रशासन दस्तावेज के साथ जवाब देगा।
मिथलेश अवस्थी, उपायुक्त नगर निगम

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