
खरमास समाप्त होने के करीब हतेभर बाद गुरुवार से फिर से शहनाई की गूंज सुनाई देने लगी। पहले दिन शहर में जमकर शादियां हुईं। हालांकि अप्रैल के इस महीने में विवाह के अब सिर्फ 4 ही मुहूर्त हैं। 29 अप्रैल से गुुरु-शुक्र अस्त होने से दो माह मई और जून में विवाह नहीं होंगे। शादियों का सिलसिला 9 जुलाई से यानी बरसात में शुरू होगा।
गुरुवार से शुरू हुए सहालग के सीजन से एक ओर जहां शहर में बारातों का दौर देखने को मिला, सभी मैरिज गार्डन फुल रहे वहीं दूसरी ओर बाजार भी एक बार फिर से गुलजार हो गए हैं। बाजारों में सहालग की खरीदारी के लिए शहरवासी पहुंच रहे हैं। दुकानों पर लोग विवाह के अनुसार सामान, बर्तन, कपड़ा, सोने, चांदी के आभूषणों सहित अन्य जरूरी सामान की खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं।
17 जुलाई को देवशयनी एकादशी होने के कारण चार माह तक वैवाहिक लग्नों पर विराम लग जाएगा। इस दिन से चार महीने के लिए चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। हिंदू शास्त्र के अनुसार इन चार माह में कोई भी मांगलिक कार्य करने का विधान नहीं है।
मुहूर्त सामान्य दिनों में कम होने से अबूझ मुहूर्तों में शादी अधिक होने की संभावना है। अबूझ मुहूर्त 10 मई अक्षय तृतीया, 15 जुलाई भड़ली नवमी, 12 नवंबर देव प्रबोधनी एकादशी को होंगे।
सूर्य का बृहस्पति की राशि धनु और मीन में रहना खरमास कहलाता है। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होते। सूर्य के मीन से मेष राशि में 13 अप्रैल की रात 11:18 बजे प्रवेश के साथ ही खरमास खत्म हो चुका है। 02 जून को बृहस्पति उदित होंगे, लेकिन शुक्र29 जून तक अस्त रहेगा। शुक्र 30 की रात 9:43 बजे उदित होंगे। इस करण मई व जून में विवाह नहीं होंगे। 29 अप्रैल को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त हो जाएगा, जो 29 जून तक अस्त रहेगा। 6 मई से गुरु ग्रह अस्त होंगे जो 2 जून को उदित होंगे, परंतु शुक्र अस्त ही रहेगा।
अप्रैल 23, 24, 25 और 26
जुलाई 09, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16 और 17
नवंबर 17, 18, 22, 23, 24 और 25
दिसंबर 02, 03, 04, 05, 09, 10, 11, 13, 14 व 15
Updated on:
22 Apr 2024 07:04 pm
Published on:
22 Apr 2024 07:03 pm
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