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एक्टर के एक थप्पड़ से फट गया था ललिता पवार के कान का पर्दा, हमेशा के लिए खराब हो गई थी आंख

कभी दयालु मां तो कभी दुष्ट सास का किरदार निभाकर वेट्रन एक्ट्रेस ललिता ने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई। ललिता पवार की गिनती बॉलीवुड के दिग्गज कलाकरों में होती है। टीवी के मशहूर धारावाहिक ‘रामायण’ में मंथरा का रोल निभाकर घर-घर मशहूर हुईं।

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Shweta Bajpai

May 14, 2022

actress lalita pawars life was ruined after a slap

actress lalita pawars life was ruined after a slap

उन्होंने कई दशकों तक हिंदी सिनेमा को अपनी बेजोड़ कलाकारी से सजाया था। ललिता पवार का फ़िल्मी सफर 9 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था। कई दशकों तक उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया।

पहली फिल्म के लिए मिले थे 18 रुपए-
साल 1916 में जन्मीं ललिता पवार का असली नाम अंबा लक्ष्‍मण राव शगुन था। साल 1928 में उन्होंने साइलेंट फिल्म राजा हरीशचंद्र से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म के लिए उन्हें 18 रुपए दिए गए थे।

1934 में उन्होंने टॉकी फिल्मों में काम करना शुरू किया। ललिता पवार एक साल में 12 से अधिक फिल्मों में काम किया करती थीं। ललिता पवार ने शास्त्रीय संगीत भी सीखा था। साल 1955 ललिता पवार ने श्री 420, मिस्टर और मिसेज 55 जैसी फिल्मों में काम किया। साल 1959 में आई फिल्म अनाड़ी में मिस डीसा का किरदार काफी पॉपुलर हुआ। इन्होंने 24 फरवरी 1988 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया था।

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एक थप्पड़ से बिगड़ गया था चेहरा-
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ललिता बचपन से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थीं, लेकिन एक हादसे ने उनकी जिंदगी पलटकर रख दी थी। 1942 में ललिता फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ के एक सीन की शूटिंग कर रही थीं। एक सीन के दौरान एक्टर भगवान दादा को ललिता को थप्पड़ मारना था। भगवान दादा ने ललिता को इतनी जोर से चांटा मार दिया कि उनके कान से खून बहने लगा और कान का पर्दा फट गया। इलाज के दौरान डाक्टर द्वारा दी गई किसी गलत दवा के नतीजे में ललिता पवार के शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया। लकवे की वजह से उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई और खराब हो गई। इसके चलते चेहरा खराब हो गया। इस घटना के बाद ललिता पवार को काम मिलना बंद हो गया, लेकिन वो जुटी रहीं और हार नहीं मानी। 1948 में फिल्म ‘गृहस्थी’ से एक बार फिर वापसी की।