
सईदा खान की तस्वीरें। (फोटो सोर्स: X)
Actress Sayeeda Khan: फिल्मी स्टार्स की चकाचौंध भरी लाइफस्टाइल हम सबको बहुत पसंद आती हैं। कितने ही लोग अपने फेवरेट स्टार्स की तरह रहना और जीना चाहते हैं। मगर क्या आप जानते हैं इस सुनहरी दुनिया के पीछे कितना काला और घना अंधेरा है। इस अंधेरे ने कितने ही स्टार्स की जिंदगी निगल ली है। ये दुनिया सिर्फ पर्दे पर देखने के लिए अच्छी है लेकिन इसे जीना उतना आसान नहीं है। आज हम ऐसी अदाकारा की बात करेंगे जो इसी अंधेरे में कहीं गुम हो गईं। इन्होंने बहुत कम उम्र में फिल्मों में कदम रखा ताकि अपनी मां के साथ मिलकर परिवार का पेट पाल सकें। आइए जानते हैं उस अभिनेत्री के बारे में जो अपने ही प्यार के हाथों मारी गई।
इस अभिनेत्री का नाम था, सईदा खान। इनका जन्म कोलकाता में अनवरी बेगम के घर हुआ था, जो फिल्मों में बतौर एक नर्तकी काम करती थीं। अनवरी की कमाई इतनी नहीं थी कि जिससे घर का खर्च चला सकें। इसलिए अपनी मां और घर के हालातों को देखते हुए सईदा ने महज 11 साल की उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। एक फिल्मी पार्टी के दौरान निर्देशक एचएस रवैल की नजर सईदा पर पड़ी और उन्होंने उन्हें 1961 में आई फिल्म ‘कांच की गुड़िया’ में उनको कास्ट किया। इसमें सईदा के साथ मनोज कुमार थे। इसके बाद, वो किशोर कुमार के साथ फ़िल्म ‘अपना हाथ जगन्नाथ’ में भी नज़र आईं।
बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम करना भी उनके करियर के लिए बेहतर साबित नहीं हुआ। गुजरते समय के साथ उन्हें फिल्में मिलना कम हो गईं। और हालत फिर से बिगड़ने लगे। इसके चलते, सईदा ने सहायक भूमिकाएं निभाना शुरू कर दीं। मगर 60 के दशक के अंत तक, ये काम मिलना भी कम होने लगा।
एक सफल अभिनेत्री बनने के लिए उनका ये संघर्ष निरंतर चलता रहा। तभी उनकी मुलाकात निर्माता बृज सदाना से हुई, जिन्होंने सईदा की सुंदरता को देखते हुए शादी के लिए प्रपोज किया। अपने करियर को देखते हुए सईदा ने बृज सदाना (Brij Sadanah) से शादी कर ली। शादी के बाद, सईदा ने हिंदू धर्म अपना लिया और सईदा से सुधा सदाना (Sudha Sadanah) के नाम से जानी जाने लगीं।
शादी के बाद भी उनका संघर्ष कम नहीं हुआ। सईदा के अतीत ने उनके वर्तमान और भविष्य दोनों को खराब कर दिया। इनके पति बृज को लगता था कि शादी से पहले सईदा की एक बच्ची थी जिसे उनकी मां अनवरी बेगम पाल रही थीं। इस बच्ची का नाम शगुफ्ता रफीक था। शगुफ्ता रफीक वो राइटर हैं, जिन्होंने 'आशिकी 2' और 'मर्डर 2' जैसी फिल्में लिखी हैं। शगुफ्ता ने फिल्मफेयर से बातचीत में बताया कि,
मैं बचपन से ही असमंजस में पली-बढ़ी क्योंकि कई लोग मुझे सईदा की नाजायज औलाद कहते थे, लेकिन अनवरी बेगम ने मुझे पाला और वो ही मेरी मां थीं। वो नहीं चाहती थीं कि मेरी वजह से उनकी अविवाहित बेटी सईदा की इज्जत खराब हो। इसके बावजूद भी कई लोग मुझे सईदा आपा की बेटी समझते थे क्योंकि मैं उनके जैसी दिखती थी और मेरी आवाज भी उनके जैसी है।
इसके आगे शगुफ्ता ने बताया, 'बृज सदाना, अनवरी बेगम और मुझे पैसों से मदद करते थे, मगर वो मेरी पहचान को लेकर मुझसे दूर रहते थे और नफरत भी करते थे। यही वजह थी कि बृज सदाना का गुस्सा बढ़ता गया और इसी गुस्से के चलते उन्होंने अपनी सगी बेटी, बेटे और सईदा की गोली मार दी। गोली लगने के बाद उनका बेटा तो बच गया, मगर मेरी मां (सईदा खान) और मेरी बहन की मौत हो गई। मेरे सौतेले भाई का नाम कमल सदाना है। इसके आगे शगुफ्ता ने बताया, देखा जाए तो बृज साहब के गुस्से का कारण उनकी जिंदगी की जद्दोजहद और असमंजस था, क्योंकि वो अपनी लाइफ में कंफ्यूज थे, उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं। मगर इस वजह से उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी के साथ जो किया वो सरासर गलत था।'
बता दें कि पत्नी, बेटा और बेटी को गोली मारने के बाद बृज सदाना ने खुद को भी गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी।
उन्होंने और बताया, 'जब मैं 25 साल की थी तब सईदा आपा का निधन हुआ था। मैं उनसे एक बहन की तरह जुड़ी हुई थी और मैंने कभी उनको मां की तरह नहीं देखा, लेकिन हां वो मेरे लिए एक मां की तरह लड़ती थीं, आवाज उठाती थीं, जो एक बहन के व्यवहार से थोड़ा अलग था। एक बार मेरी नानी अनवरी बेगम ने मुझसे कहा था, अगर कोई तुमसे पूछे कि क्या सईदा तुम्हारी मां है, तो हां कह देना।'
आपको बता दें कि जब बृज सदाना अपनी पत्नी, बेटी और बेटे को गोली मारी तो उस दुर्घटना में उनका बेटा बच गया था। यही बेटा आगे चलकर काजोल के साथ एक फिल्म में नजर आया, जिसका नाम कमल सदाना है। हालांकि, उनका फिल्मी सफर 3-4 फिल्मों में ही सिमट के रह गया।
Updated on:
15 Sept 2025 12:41 pm
Published on:
15 Sept 2025 12:36 pm
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