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अजय देवगन के पिता का चौंकाने वाला राज: 13 साल की उम्र में घर छोड़ा, फिर रच दिया इतिहास

Veeru Devgan Struggle Story: अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का वो सच, जिसे दुनिया अब है बेखबर। एक ऐसी सच्चाई जिसने इंडस्ट्री के नियम बदल दिए।

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मुंबई

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Saurabh Mall

Sep 19, 2025

Veeru Devgan father Ajay Devgn

अजय देवगन और उनके पिता वीरू देवगन (सोर्स: एक्स)

Ajay Devgn Father Struggle Story: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अजय देवगन के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन क्या आप सभी उनके पिता की कहानी जानते हैं? जिन्होंने अजय देवगन को ब्रेक दिया।

अजय देवगन के पिता वीरू देवगन की जिंदगी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। एक 13 साल के लड़के का पंजाब से मुंबई तक का सफर, जो मुश्किलों, जोखिमों और हिम्मत से भरा था, आज हर किसी के लिए प्रेरणा है। आइए, जानते हैं कैसे एक साधारण लड़का बॉलीवुड का सबसे बड़ा एक्शन निर्देशक बना। उसने तय किया कि हर एक्टर के पास मुंबई में उनका घर हो… बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़े, किसी प्रकार की कमी ना हो।

घर से भागकर मुंबई तक का सफर

1940 के दशक में, 13 साल की छोटी सी उम्र में वीरू देवगन ने पंजाब में अपने घर को अलविदा कह दिया। बिना ट्रेन टिकट के, बिना किसी योजना के, वे सपनों के शहर मुंबई पहुंचे। लेकिन मुंबई ने उन्हें आसान रास्ता नहीं दिया। दिन में मेहनत और रात में सड़कों पर गुजर-बसर, वीरू की जिंदगी बेहद मुश्किल थी। रात को सोने के लिए जगह पाने के लिए वे गाड़ियां धोते थे, ताकि किसी कार में रात बिता सकें।

गैंगवार में शामिल

मुंबई की सड़कों पर जिंदगी आसान नहीं थी। इस दौरान वीरू का सामना स्थानीय गुंडों से हुआ। एक बार तो वे गैंगवार में फंस गए, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा। यह वह दौर था जब उनकी जिंदगी पूरी तरह से अनिश्चित थी। लेकिन कहते हैं ना, हर अंधेरी रात के बाद एक नई सुबह आती है। वीरू की जिंदगी में भी ऐसा ही हुआ।

एक्शन डायरेक्टर की नजर पड़ी

'कॉफी विद करण' में अपने पिता के सफर को याद करते हुए अजय देवगन ने बताया कि गैंगवार के दौरान मशहूर एक्शन डायरेक्टर रवि खन्ना ने वीरू की निडरता को देख लिया, वे बहुत अच्छा एक्शन में लड़ाई करते थे। उस दौरान सायन कोलीवाड़ा में उनका एक गैंग हुआ करता था। गैंगवार भी होती थी। लेकिन पिता की किस्मत उनके साथ थी।

रवि खन्ना ने पिता जी पूछा क्या करते हो? तब उन्होंने बताया था ‘बढ़ई’ का काम। इसके बाद उन्होंने कहा तू लड़ता अच्छा है, कल मुझसे मिलना। उन्होंने उसे (पिता जी) को एक लड़ाकू बना दिया।

ऐसे में वीरू की मेहनत, हिम्मत और कुछ नया करने की चाह ने उन्हें बॉलीवुड में एक स्टंटमैन के रूप में जगह दिलाई। धीरे-धीरे, वे स्टंट कोरियोग्राफी और एक्शन डायरेक्शन की दुनिया में छा गए। उनकी प्रतिभा ने उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे सम्मानित एक्शन निर्देशक बना दिया।

बॉलीवुड में एक अमिट छाप

वीरू ने कई सुपरहिट फिल्मों में बतौर एक्शन डायरेक्टर काम किया। उनके स्टंट्स और एक्शन सीक्वेंस ने बॉलीवुड में एक्शन की परिभाषा बदल दी। इंडस्ट्री में उन्होंने खुद के दम पर अपनी विरासत बनाई। वे न सिर्फ एक शानदार डायरेक्टर थे, बल्कि अपने बेटे अजय देवगन को भी बॉलीवुड का सुपरस्टार बनाने में उनकी बड़ी भूमिका थी।

यही नहीं जीवन के संघर्षों को करीब से देखने वाले वीरू देवगन ने यह सुनिश्चित किया कि उनके साथियों को भी ऐसा ही कष्ट न सहना पड़े। उनके लिए काम करने वाले सभी कलाकार को अच्छा वेतन मिले, जिससे वे मुंबई में घर खरीद सकें और अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा सकें। आखिरकार, 2019 में वीरू देवगन का 84 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया।

कभी भी हार नहीं मानना चाहिए

वीरू देवगन की कहानी हमें सिखाती है कि जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, हिम्मत और मेहनत से हर सपना हकीकत बन सकता है। एक 13 साल का लड़का, जो सड़कों पर गाड़ियां धोता था, बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्शन डायरेक्टर बना। यह सफर हर किसी को प्रेरित करता है।