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बचपन में बनीं स्टार, मां बनने के बाद अपनी ही बेटी की मौत की मांगी दुआ

Moushumi Chatterjee: मौसमी चटर्जी ने बचपन में ही स्टारडम हासिल कर लिया था, लेकिन मां बनने के बाद उनकी जिंदगी में ऐसा मोड़ आया कि उन्हें अपनी ही बेटी की मौत की दुआ मांगी…

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बचपन में बनीं स्टार, मां बनने के बाद अपनी ही बेटी की मौत की मांगी दुआ

मौसमी चटर्जी (फोटो सोर्स: X)

Moushumi Chatterjee: बॉलीवुड में ऐसे कई सितारे हैं जिन्होंने सफलता की ऊंचाइयों को छुआ, लेकिन निजी जिंदगी में उन्हें कई दुखों का सामना करना पड़ा। मौसमी चटर्जी भी उनमें से एक हैं। 70 के दशक में अपनी खूबसूरती और अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली मौसमी ने अमिताभ बच्चन, जीतेंद्र और विनोद खन्ना जैसे सुपरस्टार्स के साथ काम किया।

मां बनने के बाद अपनी ही बेटी की मौत की मांगी दुआ

बता दें कि मौसमी ने 10 साल की उम्र में बंगाली फिल्म 'बालिका वधू' से एक्टिंग की शुरुआत की थी और 15 साल की उम्र में उन्होंने जयंत मुखर्जी से शादी कर ली। शादी के बाद भी उन्होंने एक्टिंग जारी रखी और दो बेटियों की मां बनीं। हालांकि, 2018 में मौसमी की जिंदगी में एक ऐसा तूफान आया जिसने सब कुछ बदल दिया। उनकी बेटी पायल लंबे समय से टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित थीं और तीन साल से कोमा में थीं।

मौसमी ने अपनी बेटी की देखभाल के लिए अदालत में खुद को उसका संरक्षक नियुक्त करने की याचिका दायर की। इसके बाद मौसमी ने अपनी बेटी के बारे में बात करते हुए कहा, "एक समय ऐसा आया जब मैं अपनी बेटी को दुखी देख नहीं सकती थी और मैंने भगवान से उसकी शांतिपूर्ण मौत के लिए प्रार्थना की। मेरी बेटी सुंदर थी, लेकिन उसने जो दर्द सहा वह असहनीय था। इसलिए मैंने भगवान से प्रार्थना की क्योंकि मैं अब और उसकी इतनी पीड़ा को देख नहीं सकती थी।"

मौसमी ने आरोप लगाया

बता दें कि मौसमी के अनुसार पायल का 2019 में निधन हो गया। लेकिन, वो अपनी बेटी का चेहरा अंतिम बार भी नहीं देख पाईं क्योंकि उनके दामाद और ससुराल वालों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। मौसमी ने आरोप लगाया कि उनके परिवारवालों ने पायल के होस्पिटल के खर्चों का भुगतान करने से मना कर दिया था, और अस्पताल का बिल न चुकाने के कारण उसे मृत अवस्था में रखा गया था। दरअसल मौसमी चटर्जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने सफलता, प्यार और दुख सब कुछ देखा है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।