
आशा भोसले की दो अलग-अलग तस्वीर (सोर्स: आईएएनएस)
Asha Bhosle Birthday: भारतीय संगीत जगत में आशा भोसले (Asha Bhosle) का नाम सुनते ही हर किसी के दिल में उनकी मधुर आवाज की मिठास बस जाती है। उन्होंने न केवल बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई, बल्कि 20 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाकर एक अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने अपनी आवाज से संगीत प्रेमियों को दशकों तक मंत्रमुग्ध किया।
उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया। आशा ने कुल मिलाकर करीब 12,000 गाने रिकॉर्ड किए हैं, जो किसी भी भारतीय कलाकार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
आशा भोसले (Asha Bhosle) का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र में हुआ था। वे एक संगीत परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता, स्वरसम्राट दीनानाथ मंगेशकर, खुद एक मशहूर गायक थे। आशा भोसले ने बचपन से ही गायकी का अभ्यास शुरू कर दिया था। उनकी बड़ी बहन, लता मंगेशकर, भी एक प्रसिद्ध गायिका थीं, लेकिन आशा ने अपनी अलग पहचान बनाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कभी भी अपनी आवाज को दूसरों से प्रभावित नहीं होने दिया और लगातार मेहनत करती रहीं।
उनका करियर शुरुआत में आसान नहीं था। शुरुआती दिनों में वह अपनी बहन लता मंगेशकर की छाया तले रहीं। आशा ने अपनी आवाज में बदलाव किया और अलग-अलग संगीत शैलियों को सीखना शुरू किया। वे बॉलीवुड के साथ-साथ फिल्मी संगीत के कई अलग-अलग रूपों में माहिर हो गईं। गजल, कब्बाली, वेस्टर्न गाने, और पारंपरिक हिंदी गीतों में उन्होंने अपनी अलग जगह बनाई। यही वजह है कि वे इतने वर्षों तक इंडस्ट्री में सक्रिय और लोकप्रिय बनी रहीं।
आशा भोसले (Asha Bhosle) ने हिंदी के अलावा कई दूसरी भाषाओं जैसे मराठी, बंगाली, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू, गुजराती और कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। उनकी इस बहुभाषीय प्रतिभा ने उन्हें हर क्षेत्र में कामयाबी दिलाई। उन्होंने हिट गानों की लिस्ट में 'इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं', 'पिया तू अब तो आजा', 'दम मारो दम', 'चुरा लिया है तुमने जो दिल को', 'झुमका गिरा रे', 'ये मेरा दिल', 'राधा कैसे ना जले', 'दिल चीज क्या है', 'आ जा आ जा मैं हूं प्यार तेरा', 'कहीं आग लगे लग जाए', 'रात अकेली है', 'ओ मेरे सोना रे' समेत कई गाने हैं।
12,000 से ज्यादा गानों के साथ उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया, जो साबित करता है कि उन्होंने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
उनकी आवाज की खासियत यह थी कि वे हर गीत में अलग ही जादू बिखेर देती थीं। फिर चाहे बात "मुझे रंग दे," "जरा सा झूम लूं मैं," और "शहरी बाबू दिल ले गया" की हो, या फिर "रात का समां," "ओ हसीना जुल्फों वाली," और "शरारा" गाने की हो… उनके गाने कई बार फिल्म की सफलता की वजह भी बने। कई सारे हिट गाने उनके नाम हैं जो आज भी लोगों के दिलों को छू जाते हैं।
1979 में आशा भोसले ने फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायक पुरस्कार जीता। कुल मिलाकर उन्हें इस पुरस्कार के लिए 18 बार नामांकित किया गया, जिसमें उन्होंने 7 बार जीत हासिल की। उनकी मेहनत और योगदान के लिए 2001 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, आशा को भारत सरकार ने पद्म विभूषण जैसे बड़े पुरस्कार से नवाजा है, जो देश के सबसे बड़े सम्मान में से एक है। उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिला, जो भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है।
Published on:
07 Sept 2025 08:46 pm
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