मीना कुमारी की मृत्यु 1972 में हुई थी। उनकी आख़िरी समय में उनके अंतिम संस्कार के दौरान उनकी दोस्त नरगिस दत्त उन्हें श्रद्धांजलि देने आयी थी। उस वक़्त उनकी दोस्त नरगिस ने कहा था ‘मीना मौत मुबारक हो’। साथ ही नरगिस ने उनके मृत्यु के बाद एक पत्र भी लिखा था। वह पत्र उर्दू पत्रिका में भी प्रकाशित हो चुका हैं। जिसमें उन्होंने अपने क़रीबी रिश्तों को दर्शाया था।
नरगिस ने अपने इस पत्र में सुरुवात ही में लिखा था ‘ आपकी मृत्यु पर बधाई मैंने पहले कभी ये नहीं कहा’। वीना ने साथ ही यह भी लिखा था कि आपकी बड़ी बहन आपको आपकी मृत्यु पर बधाई देती है और आपसे इस दुनिया में फिर कभी क़दम न रखने को कहती हैं। यह जगह आप जैसे लोगों के लिए कभी बनी नहीं थी। उन्होंने इस पत्र में यह भी लिखा था कि उनकी दोस्ती मीना के साथ कैसे हुई और कब हुई।
उन्होंने लिखा था शूटिंग के दौरान मेरे पति सुनील दत्त ने मुझे बच्चों के साथ सेट पर आमंत्रित किया था मैं वहीं मीना से मिली और हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि जब एक बार मैं डिनर पर गयी थी तो मीणा ने अपनी इच्छा से संजय और निर्मता की देखभाल की थी। उनके कपड़े बदले थे और उन्हें दूध भी पिलाया था।

नरगिस ने इस बात का भी ख़ुलासा किया कि इस रात मीना कुमारी के कमरे से लड़ाई झगड़े की आवाज़ आ रही थी। अगले दिन हमें पता चला कि उनकी तबियत ठीक नहीं है और वो काम पर नहीं जाएगी सुनील के जाने के बाद वो मीना के रूम में जाती है। तो देखती है कि मीना की आँखें सूजी हुई हैं। उन्होंने कमाल अमरोही के सेक्रेटरी से बात की और पूछा कि तुम लोग बिना को क्यों मारना चाहते हो। इस पर वह कहते हैं जब सही समय आएगा तो हम उन्हें आराम देंगे।
मीना ने इस बात का ख़ुलासा किया था कि एक घटना के बाद उन्होंने कमाल अमरोही से तलाक़ ले ली थी। लेकिन इसके बाद वह शराब के नशे में धुत हो गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इसी दौरान जब नरगिस अस्पताल जाती है तो कहती है कि “तुम अब आज़ाद हो लेकिन ऐसी आज़ादी का क्या फ़ायदा जब तुम अपनी जान लेनी पर उतर जाओ”। इसी दौरान मीणा ने इस बात का ख़ुलासा किया था कि कमल के सेक्रेटरी ने उन पर हाथ उठायी थी। इसकी शिकायत जब मैंने कमल से की तो उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा। उसके बाद ही मैंने उनसे अलग होने का सोचा।
बिना इतनी ज़्यादा नशे में धुत हो चुकी थी कि डॉक्टर ने उन्हें साफ़ शब्दों में यह कह दिया था कि अगली ड्रिंक आपकी जान ले सकती है इसके बाद मीना कुमारी ने कुछ समय तक शराब को हाथ नहीं लगाया लेकिन उनकी फ़िल्म पाकीजा रिलीज़ होने के बाद उनकी तबियत बिगड़ी और 31 मार्च 1972 को उनका निधन हो गया।