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पति Dharmendra नहीं, बल्कि इस खास शख्स के कहने पर Hema Malini ने पकड़ी राजनीति की राह

बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी (Hema Malini) बॉलीवुड की एक जानी-मानी एक्ट्रेस होने के साथ-साथ राजनीति की दुनिया में एक जानी-मानी पॉलिटिशियन भी बन चुकी हैं. बता दें कि हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से सांसद हैं.

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Vandana Saini

Apr 14, 2022

पति Dharmendra नहीं, बल्कि इस खास शख्स के कहने पर Hema Malini ने पकड़ी राजनीति की राह

पति Dharmendra नहीं, बल्कि इस खास शख्स के कहने पर Hema Malini ने पकड़ी राजनीति की राह

बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ कहे जाने वाली हेमा मालिनी (Hema Malini) ने अपने दौर से लेकर अब तक इंडस्ट्री को कई हिट फिल्में दी हैं. उनका सिनेमा से लेकर सियासत तक का सफर काफी दिलचस्प रहा है. हेमा एक जानी-मानी एक्ट्रेस होने के साथ-साथ राजनीति की दुनिया में एक जानी-मानी पॉलिटिशियन भी हैं, लेकिन आपको ये जानकर काफी हैरानी होगी कि हेमा कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहती थीं. वो राजनीति में आईं जरूर, लेकिन इसके लिए उनके परिवार वालों या उनके पति धर्मेंद्र (Dharmendra) ने नहीं कहा था.

बल्कि वो कोई और ही शख्स था, जिनके कहने पर हेमा ने राजनीति की राह को चुना और उसी पर आज तक आगे बढ़ती चली जा रही हैं. ये बात आपको हैरान कर सकती है कि हेमा को राजनीति में आने की सलाह विनोद खन्ना (Vinod Khanna) ने दी थी. साल 2017 में जब विनोद खन्ना का निधन हुआ तो उनका जिक्र करते हुए हेमा मालिनी ने इस किस्स का जिक्र किया था. इसी दौरान उन्होंने बताया था कि 'इस बड़े कदम के लिए वे विनोद खन्ना की कर्जदार हैं'. साल 1998 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पंजाब की गुरदासपुर सीट से एक्टर विनोद खन्ना को मैदान में उतारा गया.

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उस समय उन्होंने सालभर पहले ही बीजेपी ज्वाइन की थी. पहले वो सिनेमा में सक्रिय थे, फिर उन्होंने आध्यात्म की राह पकड़ ली. वहां से लौटे तो उन्होंने सियासत का रूख कर लिया. ये उनके जीवन का तीसरा रास्ता था जो उन्होंने चुना था. विनोद खन्ना और हेमा मालिनी ने कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया था, जिसके चलते वो दोनों काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे. जब चुनाव का ऐलान हुआ तो विपक्षियों ने गुरदासपुर में बंबई का बाबू कहते हुए विनोद खन्ना के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया. इसी दौरान विनोद को हेमा मालिनी की याद आई.


एक वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रशीद किदवई अपनी किताब ‘नेता-अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखा कि ‘हेमा राजनीति के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था…यहां कैसे काम होता. एक दिन विनोद खन्ना का फोन आया. उन्होंने कहा 'मैं गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहा हूं. मैं चाहता हूं तुम मेरा चुनाव प्रचार करो… मैंने तुरंत मना कर दिया, क्योंकि मुझे सियासत के बारे में जरा भी जानकारी नहीं थी’.


बताया जाता है कि विनोद खन्ना को इनकार करने के बाद हेमा सीधे अपनी मां के पास पहुंचीं और उन्होंने विनोद से फोन पर हुई बातचीत के बारे में उनको सब बता दिया. इसके बाद उनकी मां ने कहा कि 'विनोद खन्ना उनके अच्छे दोस्त हैं. इस नेता उन्हें चुनाव प्रचार में जरूर जाना चाहिए'. हेमा मालिनी के मुताबिक यही वो समय था, जब उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई. इसलिए वो इसका श्रेय हमेशा विनोद खन्ना को देती हैं. बता दें कि हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से सांसद हैं. उन्होंने साल 2019 के चुनाव में लगातार दूसरी बार इस सीट पर जीत दर्ज की.

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