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सालों बाद एक साथ दिखे जावेद अख्तर और जितेंद्र, एक को आज भी इस बात का है मलाल

Javed Akhtar: बॉलीवुड के दो दिग्गज एक साथ मंच पर दिखे। जावेद अख्तर ने बताया कि आज भी उन्हें इस बात का मलाल है, तो जितेंद्र ने उस दौर के नगीनों को याद किया।

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मुंबई

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Saurabh Mall

Aug 31, 2025

Javed Akhtar and Jitendra

जावेद अख्तर और जितेंद्र (फोटो सोर्स: एक्टर इंस्टाग्राम)

Javed Akhtar: मुंबई में शनिवार को रूह-ए-रफी कार्यक्रम में महान गायक मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन मशहूर संगीतकार और लेखक राजेश धाबरे ने किया। मंच पर कई जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया और रफी के बारे में अपने विचार साझा किए। जावेद अख्तर ने अपनी दिली इच्छा जाहिर की, जबकि अभिनेता जितेंद्र ने उस दौर की यादों को ताजा किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे जावेद और जितेंद्र

गीतकार और पद्मश्री पुरस्कार विजेता जावेद अख्तर और वेटरन एक्टर जितेंद्र कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। यहां जावेद अख्तर ने कहा कि रफी साहब के लिए लिखने का सपना अधूरा रह गया।

कार्यक्रम के बाद जितेंद्र और जावेद साहब ने मीडिया से बात की। यहां जावेद अख्तर ने कहा, "एक सभ्य समाज कलाकारों को याद करता है और उन्हें सम्मान देता है। रफी साहब की आवाज पहले ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी है। इसे आज भी वही पहचान मिल रही है। मुझे इस बात की खुशी है।"

अपने पसंदीदा रफी गीतों के बारे में पूछे जाने पर गीतकार ने कहा कि वैसे तो उनके सारे ही गाने जावेद को पसंद हैं, मगर जोर दिए जाने पर 'जाग दिल-ए-दीवाना', 'मेरी दुनिया में तुम आई', 'साथी ना कोई मंजिल', और 'हुई शाम उनका ख्याल आ गया' जैसे प्रसिद्ध गानों का नाम लिया।

जावेद अख्तर ने आगे कहा, "यह मेरी बदकिस्मती थी कि मैंने उनके जीवित रहते गीत लिखना शुरू नहीं किया। मैं इंडस्ट्री में एक पटकथा लेखक के तौर पर था। अब भी मेरे दिल में यही तमन्ना है कि काश रफी साहब मेरा गाना गाते।"

क्या बोले जितेंद्र

वहीं फिल्म अभिनेता जितेंद्र ने भी रफी को लेकर अपने विचार साझा किए। जितेंद्र ने कहा, "एक समय था जब हमारे पास केवल 4-5 गायक होते थे। लेकिन अब देश में इतनी प्रतिभा है कि यह एक चुन-चुन कर काम करने वाली परंपरा बन गई है। हर दूसरे दिन एक नया गायक आ जाता है। लता जी, आशा जी, रफी साहब और किशोर साहब का जादू वापस लाना मुश्किल है।"